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बिहार: ऐसे कैसे होगा मरीजों का इलाज, एनेस्थीसिया के आधे पद खाली ऑपरेशन की बढ़ रही तारीख, जानें सरकारी अस्पतालों का हाल

पटना के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एनेस्थीसिया विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी है। इससे मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं। कई विभागों में ऑपरेशन की तारीख बढ़ाई जा रही हैं। आधे से ज्यादा पद खाली हैं।

बिहार: ऐसे कैसे होगा मरीजों का इलाज, एनेस्थीसिया के आधे पद खाली ऑपरेशन की बढ़ रही तारीख, जानें सरकारी अस्पतालों का हाल
वरीय संवाददाता,पटनाSun, 24 Apr 2022 09:12 AM
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पटना के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एनेस्थीसिया विभाग में डॉक्टरों की कमी से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इसके चलते कई विभागों में ऑपरेशन की तारीखें बढ़ाई जा रही हैं। समय पर ऑपरेशन नहीं होने से मरीजों को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। हड्डी रोग, सर्जरी, स्त्री व प्रसूति रोग से लेकर इमरजेंसी तक में एनेस्थिसिया के विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत पड़ती है। पीएमसीएच, एनएमसीएच में इस विभाग में प्रोफेसर से लेकर सीनियर रेजिडेंट के आधे से ज्यादा पद खाली हैं।

पीएमसीएच: 25 सीनियर रेजीडेंट में छह पर ही तैनाती

पीएमसीएच के एनेस्थीसिया विभाग में प्रोफेसर के तीन में से एक पद पर ही अनुबंध पर नियुक्ति है। वहीं मात्र छह एसोसिएट और सात असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। सीनियर रेजिडेंट के 25 पदों में से मात्र छह पर ही नियुक्ति है। उनमें से एक महिला चिकित्सक पिछले कई महीने से मातृत्व अवकाश पर हैं। विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार कश्यप ने बताया कि एक साथ कई विभागों में ऑपरेशन चलते हैं। वहां एनेस्थेटिक की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कई बार डॉक्टरों की कमी से थेाड़ी मुश्किल होती है। अभी किसी तरह ऑपरेशन किया जाता है। डॉक्टरों की कमी के कारण एक-एक एनेस्थेटिक पर ही काम का दबाव ज्यादा होता है।

निरीक्षण में ड्यूटी से गायब मिले डॉक्टर

सिविल सर्जन ने शनिवार को गर्दनीबाग 6-सी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। दोपहर दो बजे हुए निरीक्षण में सभी डॉक्टर व एक को छोड़ अन्य स्वास्थ्य कर्मी गायब मिले। सिविल सर्जन ने ड्यूटी से गायब दो महिला डॉक्टर को शोकॉज किया है। साथ ही उनके खिलाफ विभाग को लिखा गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि गर्दनीबाग 6 सी अस्पताल में तीन डॉक्टरों की तैनाती है। उनमें से एक अनुबंध पर कार्यरत हैं। नियमित रूप से तैनात दोनों चिकित्सक हाजिरी बनाकर ड्यूटी से गायब मिलीं। वहीं अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी नदारद थे। 

इस स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों के नहीं रहने से ओपीडी सेवा के साथ-साथ कोरोना टीकाकरण और जांच कार्य भी प्रभावित होने की शिकायत उन्हें मिली थी। जिले के सभी शहरी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की उपस्थिति जांच के लिए सिविल सर्जन द्वारा तीन टीम गठित की गई है। ये टीम पहले 25 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण कर डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की मौजूदगी की जांच करेगी। टीम सोमवार से अपना कार्य शुरू करेगी।

एनएमसीएच: 46 में 20 पदों पर ही तैनाती

एनएमसीएच में एनेस्थेसिया विभाग में प्रोफेसर, एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट के 46 पद सृजित हैं। उनमें से मात्र 20 पद पर ही डॉक्टरों की तैनाती है। 26 रिक्त पदों के कारण वहां भी प्राथमिकता के आधार पर ऑपेशन का समय मरीजों को मिलता है। बेहद जरूरी ऑपरेशन को पहले और कम जरूरी ऑपरेशन का समय कुछ दिन आगे टाला जाता है।

एम्स पटना में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की घोर कमी

एम्स पटना में डीन डॉ. उमेश भदानी समेत मात्र 12 एनेस्थिसिया विशेषज्ञ हैं जबकि 35 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर यहां कार्यरत हैं। एनेस्थिसिया विशेषज्ञों की कमी समेत कुछ अन्य कारणों से मात्र 24 मॉड्यूलर ही यहां संचालित किए जाते हैं। एम्स के एक वरीय चिकित्सक ने बताया कि यहां कम से कम 25 और इन स्थितियां विशेषज्ञों की जरूरत है। बताया कि 12 में 2 विशेषज्ञ इमरजेंसी में तैनात रहते हैं। इन चिकित्सकों की जरूरत ऑपरेशन के अलावा एमआरआई, सीटी स्कैन जैसे बड़े जांचों में भी पड़ता है ।

आईजीआईएमएस में पद खाली नहीं

आईजीआईएमएस में एनेस्थेटिकों के निर्धारित पद के बराबर बहाली है। पद भरने से इनका उपयोग क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में भी किया जा रहा है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि यहां एनेस्थेटिक के कारण ऑपरेशन नहीं टल रहे हैं। अगर कोई मरीज ऑपरेशन के लिए फिट पाया जा रहा है, तभी उनको ऑपरेशन का समय मिल पाता है।

एलएनजेपी में एनेस्थिसिया विशेषज्ञ की कमी से परेशानी

लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी के सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में भी एनेस्थिसिया विशेषज्ञ की कमी है। इस कारण वहां कई बार रात में विशेषज्ञ की तैनाती नहीं हो पाती है। अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि अस्पताल में मात्र 7 एनेस्थिसिया विशेषज्ञ हैं। कम से कम 12 होते तो सर्जरी व अन्य मेडिकल कार्यों में आसानी होती। कहा कि एनेस्थिसिया विशेषज्ञों के कारण रात में इमरजेंसी होने पर फोन करके एनेस्थिसिया विशेषज्ञ चिकित्सकों को बुलाया जाता है, तब जाकर ऑपरेशन को पाता है।

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