हाई कोर्ट ने बिहार शिक्षक भर्ती TRE 3 पर लगाई रोक, आदेश में क्या कहा? जानिए
पटना हाईकोर्ट ने बीपीएससी बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा TRE 3 पर फिलहाल रोक लगा दी हाई। गौरतबल है कि बीपीएससी ने TRE 3 में कुल 87722 पदों पर बहाली निकाली थी।

पटना हाई कोर्ट ने तीसरे चरण में होने वाली शिक्षक बहाली के लिए 7 फरवरी को जारी विज्ञापन संख्या 22/2024 पर फिलहाल रोक लगा दी। इस विज्ञापन के जरिए परीक्षा के आधार पर शिक्षकों के 87,784 पदों पर बहाली होनी है। न्यायमूर्ति अंजनी कुमार शरण की एकलपीठ ने संदीप कुमार झा सहित दस अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद अपना फैसला दिया। इसके अलावा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर अनुबंध शिक्षकों की तरह गेस्ट टीचरों को तरजीह देने के बारे में अंतिम निर्णय लेने का आदेश दिया है। कोर्ट ने गेस्ट टीचरों को रोजगार के प्रत्येक वर्ष के लिए 5 अंक और अधिकतम 25 अंक देने पर राज्य सरकार को जल्द निर्णय लेने को कहा है।
आवेदकों की ओर से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा और आलोक अभिनव ने कोर्ट को बताया कि शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों के बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। आवेदकों ने अतिथि शिक्षकों के पद पर बहाल होकर अपने कर्तव्यों का पालन करने लगें। यही नहीं इन्हें लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव सहित परीक्षा केंद्र पर और मूल्यांकन कार्यों में लगाया गया। कई अतिथि शिक्षकों को दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड में पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारी बना कर भेजा गया।
आवेदकों के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि अनुबंध शिक्षक और अतिथि शिक्षक दोनों एक समान कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। दोनों बतौर शिक्षक स्कूलो में छात्रों को पढ़ा रहे हैं। इनके बीच कोई अंतर नहीं है। उनका कहना था कि अतिथि शिक्षक को रोजगार के प्रत्येक एक वर्ष के लिए 5 अंक और अनुबंध शिक्षकों को दिए जाने वाले अधिकतम 25 अंको की तरह उन्हें भी इसका हकदार होना चाहिए।
वहीं अर्जी का विरोध करते हुए राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि अतिथि शिक्षकों की बहाली अस्थायी रूप से की गई थी। इनकी बहाली एक हजार रुपये प्रत्येक कार्य दिवस और अधिकतम पच्चीस हजार रुपये प्रत्येक माह पर की गई। कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से पेश दलील को सुनने के बाद यह फैसला दिया।
पेपर लीक के बाद परीक्षा रद्द की गई थी
तीसरे चरण की शिक्षक बहाली के लिए 5 मार्च को लिखित परीक्षा हुई थी। पेपर लीक होने के बाद आयोग ने परीक्षा को रद्द कर दिया। परीक्षा के लिए नए सिरे से अबतक तारीख तय नहीं की गई है। कोर्ट के इस आदेश के बाद इसमें और विलंब हो सकता है।