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सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर रोक से हाईकोर्ट का इनकार

राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने सहित सरकारी चिकित्सा सुविधा पर होनेवाले असर की जांच के लिए दायर लोकहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से...

सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर रोक से हाईकोर्ट का इनकार
पटना लाइव हिन्दुस्तानMon, 28 Jan 2019 08:49 PM
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राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने सहित सरकारी चिकित्सा सुविधा पर होनेवाले असर की जांच के लिए दायर लोकहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार के नीतिगत फैसले में कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

न्यायमूर्ति ज्योति शरण तथा न्यायमूर्ति अरविन्द श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाना और नहीं लगाना ये सरकार का नीतिगत फैसला है। कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। वहीं कोर्ट को बताया गया कि किसी भी सरकारी अस्पताल में सरकारी डाक्टर समय पर मौजूद नहीं रहते हैं। अरबों रुपये खर्च किये जाने के बावजूद गरीब जनता को सरकारी अस्पताल में मेडिकल सुविधा नहीं मिल रही है। सरकारी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस में मशगूल हैं। उनका कहना था कि कोई भी डॉक्टर सरकारी अस्पताल में आठ घंटा काम नहीं करते हैं जबकि प्राइवेट में 16 से 18 घंटे तक काम करते हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ज्यादा समय तक काम करने से लापरवाही सामने आती है। 

वहीं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पांच सौ से ज्यादा डॉक्टर एक प्रकार से नौकरी छोड़ चुके हैं। कई ऐसे डॉक्टर हैं जिनका तबादला किये जाने के बाद वे नए स्थान पर अपना योगदान तक किये हैं। कोर्ट ने अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि सरकारी डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस करने देना हैं या नहीं यह सरकार को तय करना है।

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