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विष्णुपद मंदिर प्रबंधन के लिए पटना HC ने 7 सदस्यीय अंतरिम कमेटी गठित की

गया के विष्णुपद मंदिर सहित उसके आसपास के क्षेत्र के विकास एवं रोजाना प्रबंधन के लिए पटना हाईकोर्ट ने सात सदस्यीय एक अंतरिम कमेटी का गठन किया है। बुधवार को एक लोकहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने...

विष्णुपद मंदिर प्रबंधन के लिए पटना HC ने 7 सदस्यीय अंतरिम कमेटी गठित की
हिन्दुस्तान,पटनाWed, 27 Jan 2021 07:23 PM
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गया के विष्णुपद मंदिर सहित उसके आसपास के क्षेत्र के विकास एवं रोजाना प्रबंधन के लिए पटना हाईकोर्ट ने सात सदस्यीय एक अंतरिम कमेटी का गठन किया है। बुधवार को एक लोकहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने धार्मिक न्यास बोर्ड के वरीय अधिवक्ता से जानना चाहा कि बोर्ड और गया के पंडों के बीच कोई बातचीत हुई या नहीं?

बोर्ड की ओर से नकारात्मक जवाब मिलने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। वहीं अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को सुझाव दिया कि प्रयोग के तौर पर गया डीएम की अध्यक्षता में अंतरिम कमेटी का गठन किया जाये, जो वहां के विकास व प्रबंधन का काम देखे। कमेटी में गया के पंडों को भी जगह दी जाये। इस सुझाव पर कोर्ट ने सात सदस्यीय कमेटी का गठन करने का निर्देश डीएम को दिया। कमेटी में गया के डीएम (अध्यक्ष) तथा एसपी, नगर आयुक्त, जिला जज व उसके समतुल्य कोई ज्यूडिशियल ऑफिसर (सचिव ) के अलावा गया के पंडा समाज से दो प्रतिनिधि और डीएम द्वारा चुने गए एक विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता होंगे।

अंतरिम कमेटी के जिम्मे मंदिर, तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के दर्शन लाभ का प्रबंधन, सुरक्षा, मंदिर क्षेत्र की सफाई, स्वच्छता और फल्गु नदी में गिरने वाले नाले की गंदा पानी का उचित सीवरेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था करने का कार्य होगा। कोर्ट ने डीएम को कमेटी के कार्यकलाप का पूरा ब्योरा अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।

गया को विकसित करने के लिए योजना बनाएं
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि गया को विकसित करने के लिए ऐसी योजना बनाई जानी चाहिए, जिसमें न केवल विष्णुपद मंदिर बल्कि पूरे गया शहर तथा फल्गु नदी के पर्यावरण और पर्यटन का विकास हो। साथ ही फल्गु नदी में सीवेज का पानी नहीं डाले जाने के बारे में ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जाने के बारे में तेजी से काम किया जाना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस काम के लिए फंड मुहैया कराने के बारे में केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को जवाब देने का निर्देश दिया था। 

स्थानीय पंडों की भी सहभागिता जरूरी 
19 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह साफ कहा था कि स्कीम में वहां के स्थानीय पंडे की सहभागिता जरूरी है। उनके हित की कोर्ट अनदेखी नहीं कर सकता। कोर्ट ने गया के डीएम की अध्यक्षता में एक स्थानीय समिति बनाए जाने की बात कही थी, जो झारखण्ड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम मंदिर प्रबंधन समिति जैसी हो। देवघर की इस समिति में स्थानीय पंडे की सहभागिता रहती है। दूसरी ओर पूरे मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था में जिला प्रशासन का योगदान रहता है।

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