बिहार में धड़ाधड़ पुल गिरने से हड़कंप, 30 साल पुराने पुल-पुलियों का 15 दिन में सर्वे कराएगी नीतीश सरकार
बिहार में लगातार पुल गिरने के बाद नीतीश सरकार हरकत में आ गई है। जल संसाधन विभाग ने 30 साल से पुराने सभी पुल-पुलिया का 15 दिन के भीतर सर्वे कराने का फैसला लिया है।
बिहार में एक के बाद एक धड़ाधड़ पुल गिरने से हड़कंप मच गया है। नीतीश सरकार अगले 15 दिनों के भीतर राज्यभर के पुल और पुलियों का सर्वे कराएगी। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के जरिए तीन दशक से पुराने पुल और छोटे पुलियों की सुरक्षा जांच की जाएगी। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। बता दें कि बीते 16 दिनों के भीतर राज्यभर में 10 से ज्यादा पुल बारिश और बाढ़ के पानी से ध्वस्त हो चुके हैं।
एसीएस चैतन्य प्रसाद ने गुरुवार को पटना में मीडिया से बातचीत में कहा कि अगले 15 दिनों के भीतर सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा। पिछले दिनों जिन नहरों की उड़ाही की गई है, उनका फिर से निरीक्षण भी किया जा रहा है। हाल ही में सीवान और सारण जिलों में छाड़ी गंडकी नदी पर पुलिया ध्वस्त होने पर उन्होंने कहा कि नहरों की उड़ाही करने वाले संवेदक और संबंधित अभियंता इसके लिए प्रारंभिक रूप से जिम्मेदार हैं।
बिहार में हो रहे ब्रिज हादसों की चर्चा देशभर में हो रही है। विपक्ष भी इस मुद्दे पर लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नीतीश सरकार से लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ग्रामीण विकास और पथ निर्माण विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके पुलों के रखरखाव को लेकर आवश्यक निर्देश दिए थे। बता दें कि बिहार में नदी, नालों और नहरों पर विभिन्न विभागों द्वारा छोटे-बड़े पुलों का निर्माण किया गया है। जल संसाधन विभाग ने भी नहरों के ऊपर आम जनता की सुविधा के लिए पुल बनाए हुए हैं।
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