सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विपक्ष ने भड़काई थी हिंसा : सुशील मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के उत्पीड़न की शिकायत पर तुरंत गिरफ्तारी की जगह डीएसपी स्तर के अधिकारी की जांच का आदेश दिया था। आरोप लगाया है कि तब उस समय राजद...
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के उत्पीड़न की शिकायत पर तुरंत गिरफ्तारी की जगह डीएसपी स्तर के अधिकारी की जांच का आदेश दिया था। आरोप लगाया है कि तब उस समय राजद और कांग्रेस ने इस मामले पर दलितों को मोदी सरकार के खिलाफ भड़का कर सड़कों पर हिंसा भड़काई थी। लेकिन, जब कोर्ट के उस आदेश को बेअसर करने के लिए मोदी सरकार ने 2018 में दलित-आदिवासी उत्पीड़न निवारण संशोधन कानून पास कराया तो दलितों को गुमराह करने वालों की जुबान बंद हो गई थी।
सोमवार को ट्वीट कर मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के एससी-एसटी उत्पीड़न निवारण संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिका आज खारिज कर दी। इससे दलितों की शिकायत पर तुरंत गिरफ्तारी का कानून लागू रहेगा। इस फैसले ने दलितों को न्याय दिलाने के लिए एनडीए सरकार की प्रतिबद्धता को विधि सम्मत सिद्ध किया है। एससी-एसटी एक्ट को हल्का करने का भ्रम फैलाकर जिन लोगों ने बिहार सहित कई राज्यों में आगजनी और तोड़फोड़ करायी थी, उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही एससी-एसटी संशोधन कानून बनवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार मानना चाहिए ।