महज 16 फीसदी वोटर ही अच्छा उम्मीदवार देख करते मतदान
यूं तो अच्छे उम्मीदवार को वोट करने की बात सभी कहते हैं, लेकिन वास्तव में अच्छा उम्मीदवार देख वोट करने वाले मतदाताओं की संख्या महज 16 फीसदी ही है। वहीं राज्य में जितने वोट डाले जाते हैं, उनमें से 16.9...
यूं तो अच्छे उम्मीदवार को वोट करने की बात सभी कहते हैं, लेकिन वास्तव में अच्छा उम्मीदवार देख वोट करने वाले मतदाताओं की संख्या महज 16 फीसदी ही है। वहीं राज्य में जितने वोट डाले जाते हैं, उनमें से 16.9 फीसदी वोट ही पार्टी लाईन पर या किसी खास पार्टी को जीताने के लिए दिऐ जाते हैं। पिछले आमचुनाव में गिरे वोट प्रतिशत का कारण जानने जब सर्वे टीम मैदान में उतरी तो कई रोचक जानकारी उसे अपने हाथ लगी।
आयोग ने केएपी (कैप) सर्वे के जरिए राज्य के मतदाताओं की नब्ज टटोलने की कोशिश की है। सर्वे टीम को पिछले चुनाव में वोट डालने वाले मतदाताओं ने रोचक जानकारी दी है। 16 फीसदी वोटर ने ही कहा कि वे अच्छा उम्मीदवार मैदान में होने के कारण वोट डालने गए। वहीं 16.9 फीसदी वोटरों ने कहा कि वे किसी पार्टी को जीताने के लिए वोट करने बूथ तक गए। एक रोचक तथ्य इस सर्वे में यह भी आया है कि तमाम मतदाता जागरूकता अभियान का असर सिर्फ मजदूर व किसानों पर ही ज्यादा पड़ा है। हमारे तथाकथित शिक्षित वर्ग इस जागरूकता से वंचित ही रहा है। पिछले आमचुनाव में जो कुल वोट पड़े, उसमें से 43 प्रतिशत वोटिंग करने वाले या तो मजदूर थे, या किसान। यानी गरीबी और आर्थिक तंगी के बीच भी वे लोकतंत्र को जिंदा रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। एक और बात यह भी इस सर्वे में सामने आई कि नौ फीसदी लोग अपना मत परिवार के सदस्यों के कहने पर देते हैं। यानी परिवारिक दबाव भी चुनाव में कायम रहता है।
कम समय में वोट डालने का हो इंतजाम
इसके अलावा सर्वे में शामिल 63.9 फीसदी मतदाताओं ने बूथ पर लम्बी लाईन होने की शिकायत की। मतदाता इस समस्या का हल चाहते हैं ताकि कम समय में वे अपना वोट डाल सकें। चुनाव आयोग ने मतदाताओं की इस सोच से सभी जिलों को अवगत कराया है, ताकि अगले चुनाव में इन बातों का ध्यान रखा जा सके।