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नीतीश ने फिर दोहराया- बिहार में नहीं लागू होने देंगे NRC, कोशिश हुई तो करेंगे विरोध

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनआरसी के मुद्दे पर अपने स्टैंड को एक बार फिर दोहराया है। जेडीयू की राज्य परिषद की बैठक में शनिवार को उन्होंने कहा कि हम बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे। अगर...

नीतीश ने फिर दोहराया- बिहार में नहीं लागू होने देंगे NRC, कोशिश हुई तो करेंगे विरोध
हिन्दुस्तान,पटनाSat, 09 Jan 2021 10:57 PM
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनआरसी के मुद्दे पर अपने स्टैंड को एक बार फिर दोहराया है। जेडीयू की राज्य परिषद की बैठक में शनिवार को उन्होंने कहा कि हम बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे। अगर इसे लागू करने की कोशिश की गई तो खुल कर विरोध करेंगे। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू केंद्र और राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल है। बीजेपी के कई नेता एनआरसी को पूरे देश में लागू करने की बात करते रहते हैं।

यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार ने एनआरसी को बिहार में नहीं लागू करने की बात कही हो। जब पूरे देश में सीएए विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे तब भी नीतीश कुमार ने ऐसी बात कही थी। विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा था, 'सीएए का राज्य से कोई लेना देना नहीं है। इस मसले पर जो भी करना है वो संसद करना है। एनपीआर पर हमने और जानकारी मांगी है। रही बात एनआरसी की तो इसे बिहार में लागू करने का कोई सवाल ही नहीं है।'

हम समाजवादी सोच के लोग हैं
सीएम नीतीश कुमार शनिवार को जदयू की राज्य परिषद बैठक के पहले दिन पार्टी के पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि हम समाजवादी सोच के लोग हैं। हमारा एकमात्र लक्ष्य जनता की सेवा करना है। जो वोट दिया और जिन्होंने नहीं दिया, सबके लिए एक जैसे ही काम करना है।

चुनाव में पता नहीं चला- कौन साथ है, कौन नहीं
मुख्यमंत्री ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू को कम सीटें आने पर भी टिप्पणी की। कहा कि एनडीए में सबकुछ पांच माह पहले तय होना चाहिए था। लेकिन, कोरोना के कारण समय कम हो गया। इतना कम समय था कि पता नहीं चला कौन साथ दे रहा है, कौन नहीं दे रहा है। चुनाव प्रचार के समय शाम में जब पार्टी ऑफिस लौटकर आते थे, तभी संदेह पैदा हो गया था। वर्ष 2019 में पार्टी का सदस्यता अभियान चला। बूथस्तर तक कमिटी बनी, ट्रेनिंग दी गई। सबको बुला-बुलाकर हम मिले। लेकिन फरवरी में जब हमने नेताओं की बैठक की तो हमको शक हो गया था। हमने इतना काम किया, पार्टी के साथी जानते थे, लेकिन चीजें नीचे तक नहीं पहुंचीं।

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