बिहार में अब अपराधियों की खैर नहीं, पकड़ने के लिए शुरू हुई ये व्यवस्था
लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार बिहार के थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क (सीसीटीएनएस) पर काम शुरू हो गया है। फिलहाल पटना और नालंदा के 20 थानों में ट्रायल के तौर पर काम हो रहा है। जल्द ही...
लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार बिहार के थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क (सीसीटीएनएस) पर काम शुरू हो गया है। फिलहाल पटना और नालंदा के 20 थानों में ट्रायल के तौर पर काम हो रहा है। जल्द ही राज्य के 894 थानों में इसपर काम शुरू हो जाएगा। इन थानों में सीसीटीएनएस परियोजना पर पूरी तरह काम शुरू होने के बाद इसका विधिवत उद्घाटन किया जाएगा। राज्य में फिलहाल 1065 थाना हैं। दूसरे चरण में बचे हुए सभी थानों को इससे जोड़ा जाएगा।
पिछले वर्ष सितम्बर में हुआ था समझौता
राज्य के 894 थानों और 432 पुलिस अधिकारियों के कार्यालय को सीसीटीएनएस से जोड़ने के लिए पिछले वर्ष सितम्बर में करार हुआ था। टीसीएस कंपनी को यह काम सौंपा गया है। अक्टूबर तक यह काम पूरा होना था। प्रथम चरण में शामिल 20 थानों और पुलिस कार्यालयों को सीसीटीएनएस से जोड़ने का काम अब मूर्त रूप ले रहा है। दिसम्बर तक सभी थानों को इससे जोड़ दिया जाएगा। इसमें पटना का 13 व नालंदा का 7 थाना शामिल है। इन थानों में फिलहाल सीसीटीएनएस का ट्रायल किया जा रहा है।
सीसीटीएनएस से ये होंगे फायदे
सीसीटीएनएस योजना के कई फायदे होंगे। इस योजना के लागू होने के बाद बिहार के सभी थाने जो सीसीटीएनएस नेटवर्क के जुड़े होंगे वह देश के अन्य थानों से लिंक हो जाएंगे। एफआईआर से लेकर थाने के अन्य डाटा को दूसरे थाने की पुलिस देख सकेगी। सीसीटीएनएस परियोजना इंटीग्रेटेड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) का एक हिस्सा है। इसके तहत न्यायालय, थाना, अभियोजन और फोरेंसिंक साइंस लेबोरेट्री को जोड़ा जाएगा। इससे थाने कोर्ट से भी सीधे जुड़ जाएंगे। एफआईआर से लेकर वारंट तक ऑन लाइन हों जाएंगे।
आम लोगों को भी सहूलियत
सीसीटीएनएस परियोजना के तहत आम लोगों को सात राहत की सुविधाएं मिलेंगी। लोग थानों में ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा चरित्र सत्यापन, आवश्यक पुलिस अनुमति, खोए और लापता सामाग्रियों की सूचना, चोरी हुई वाहनों की जानकारी भी उन्हें ऑनलाइन मिल जाएगी। गुमशुदा व्यक्तियों और अज्ञात शवों की भी जानकारी इसके जरिए हासिल की जा सकती है। घरेलू नौकर के सत्यापन से लेकर पासपोर्ट और वरीय नागरिकों के सत्यापन के लिए फॉर्म भरे जा सकते हैं।