Hindustan Special: अब किसानों के जुगाड़ से तकनीक होगी तैयार, मिलेगा पुरस्कार; इस योजना पर काम कर रहा BAU
बिहार कृषि विश्वविद्यालय में राज्यभर के किसानों की जुगाड़ तकनीक और उनके विलक्षण कार्यों को चुना जायेगा। इसके लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया जायेगा। इसके लिए राज्यभर के किसानों से जानकारी मांगी गई है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय में राज्यभर के किसानों की जुगाड़ तकनीक और उनके विलक्षण कार्यों को चुना जायेगा। इसके लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया जायेगा। इसके लिए राज्यभर के किसानों से जानकारी मांगी गई है। बीएयू द्वारा राज्य में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में नवाचार करने अथवा स्वदेशी तकनीकी ज्ञान के माध्यम से उत्कृष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले किसानों, कृषि उद्यमियों सहित अन्य लोगों से उनके असाधारण कार्य को संकलित किया जा रहा है।
कोई भी किसान भेज सकता है अपनी तैयार जुगाड़ तकनीक
बीएयू के शिक्षा प्रसार निदेशक डॉ. आरके सोहाने ने बताया कि इसमें कोई भी किसान अपनी तकनीक को भेज सकता है। इसमें से बेहतर तकनीक को चयनित किया जायेगा। यदि इसमें कुछ खासियत होगी तो उसे बीएयू के वैज्ञानिकों द्वारा और अधिक विकसित किया जायेगा। बेहतर जुगाड़ वाले किसानों को सम्मानित किया जायेगा। किसानों के उन जुगाड़ को उनके नाम से प्रोटोटाइप (उनके नाम से एक तरह का पेटेंट) किया जायेगा। किसानों से इसके लिए 25 अगस्त तक आवेदन मांगे गए हैं।
किसानों के जुगाड़ के लिए कंपनी से होगा एमओयू
डॉ. आरके सोहाने ने बताया कि इस तरह के जुगाड़ को विकसित करने में कामयाबी मिल जाए और इसपर मुहर लग जाये तो इसे व्यावसायिक किया जा सकता है। फिर यह जुगाड़ अन्य किसानों के काम भी आ सकेगा। इन जुगाड़ को व्यावसायिक तौर पर तैयार करने को कंपनी से एमओयू किया जा सकता है। इससे किसानों को काफी लाभ होगा। किसानों के अनुभवों से विकसित इन तकनीकों एवं धरोहर को और अधिक बेहतर कर खेती के क्षेत्र में और बेहतर काम किया जा सकता है। किसानों को इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
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