ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहारबिहार में आफत की बारिश, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, तालाबों से बह गईं करोड़ों की मछलियां

बिहार में आफत की बारिश, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, तालाबों से बह गईं करोड़ों की मछलियां

लगातार हो रही बारिश से उत्तर बिहार के किसान के अलावा मछली पालक भी बर्बादी के कगार पर पहुंच गये हैं। बारिश के पानी से तालाब लबालब होने के कारण मछलियां बह जा रही हैं। ऐसे में मछली पालकों की मेहनत पर...

बिहार में आफत की बारिश, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, तालाबों से बह गईं करोड़ों की मछलियां
मुजफ्फरपुर हिन्दुस्तान टीमSat, 14 Aug 2021 02:46 PM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

लगातार हो रही बारिश से उत्तर बिहार के किसान के अलावा मछली पालक भी बर्बादी के कगार पर पहुंच गये हैं। बारिश के पानी से तालाब लबालब होने के कारण मछलियां बह जा रही हैं। ऐसे में मछली पालकों की मेहनत पर पानी फिर गया है। परेशान मछली पालक मत्स्य विभाग में गुहार लगा मुआवजे की मांग कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर के मत्स्य पालक नरेश सहनी ने बताया कि करीब 7 पोखरों से मछलियां बह गयी है। हर पोखर पर डेढ़ लाख की लागत पड़ी थी। 25 क्विंटल मछलियां बर्बाद हो गयी हैं। पिछले साल भी 3 लाख का नुकसान हुआ था। मत्स्य विभाग से मुआवजा मांगने पर नहीं मिल सका।

वहीं पारू प्रखण्ड के लखिन्दर सहनी ने बताया कि 55 एकड़ में 14 लाख की लागत से मत्स्य पालन कर रहे थे। लगभग सौ क्विंटल से अधिक मछलियां बह गई हैं। मड़वन के शिवजी सहनी ने कहा कि करीब आठ पोखर मिलाकर मछली बहने से अनुमानित 10 लाख का नुकसान हो चुका है। बार-बार नुकसान झेलना पड़ता है, मगर भरपाई नहीं हो रही है। विभाग से मुआवजा की मांग की गई है। मुजफ्फरपुर की जिला मत्स्य अधिकारी डॉ नूतन ने बताया कि मछली पालक मुआवजे के लिए फॉर्म भरकर आवेदन दें। क्षेत्रीय प्रभारी इसे देखेंगे और आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मधुबनी में बह गईं 70 लाख की मछलियां

जिले में 70 लाख से अधिक का नुकसान मछली पालकों को हुआ है। मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री बैद्यनाथ मुखिया ने बताया कि प्रखंड में कुल 355 सैरात श्रेणी के पोखर हैं, जिनमें 165 जुलाई श्रेणी और 190 मार्च श्रेणी के हैं। सभी पोखरों में न्यूनतम 20 हजार की हानि हुई है। बलहा गांव, चहुटा का साहु पोखर, जगवन में ठाकुर बाड़ी पोखर आदि की मछलियां बाढ़ के पानी में बह गईं।

समस्तीपुर के 60 फीसदी तालाबों से बहीं मछलियां

जिले में 1190 सरकारी और 2569 निजी तालाब हैं। इनमें करीब 800 सरकारी तालाबों में मछली पालन होता है। सरकारी तालाबों में से 60 फीसदी ओवरफ्लो हो जाने से मछलियां बह गई हैं। यही स्थिति निजी तालाबों की है। विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

सीतामढ़ी में मछली पालकों को लाखों का नुकसान

जिले के सोनबरसा, सुरसंड, परिहार, पुपरी और रुन्नीसैदपुर में बिना भिंडा वाले तालाबों से मछलियां बाढ़ के पानी में बह गईं। वहीं निचले इलाके में बाढ़-बरसात के पानी के कारण तालाब ओवरफ्लो होने से मछलियां बह गईं। इससे मछली पालकों को लाखों का नुकसान हुआ है।

दरभंगा में मत्स्यपालकों को 10 करोड़ का नुकसान

बारिश से जिले के सभी तालाब उफना गए। तालाब का पानी बाहर निकलने से अधिकतर मछलियां बह गईं। इससे मत्स्यपालकों को करीब 10 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। जिले में सरकारी और निजी तालाबों की संख्या करीब 4500 है। जिला मत्स्य पदाधिकारी नागेंद्र कुमार ने कहा कि बारिश से मत्स्यपालकों को कितना नुकसान हुआ है, इसका सही आकलन अभी नहीं किया जा सका है। रिपोर्ट के आधार पर अपनी ओर से आकलन कर आपदा विभाग मत्स्यपालकों को क्षतिपूर्ति का भुगतान करेगा।

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें