पीएफ खातों में अबतक नहीं जोड़ा नॉमिनी का नाम? दिसंबर तक पूरा कर लें काम वरना नहीं मिलेंगे ये लाभ
पीएफ खाताधारकों में नॉमिनी (आश्रित) का नाम जोड़ने के लिए दिसंबर तक विशेष अभियान चलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कोशिश है कि ई-नॉमिनेशन अभियान के तहत बिहार के सभी पांच लाख पीएफ अंशधारकों...
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पीएफ खाताधारकों में नॉमिनी (आश्रित) का नाम जोड़ने के लिए दिसंबर तक विशेष अभियान चलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कोशिश है कि ई-नॉमिनेशन अभियान के तहत बिहार के सभी पांच लाख पीएफ अंशधारकों के खाते में अनिवार्य रूप से आश्रितों का नाम जुड़ जाए। इससे पीएफ अंशधारकों के नहीं होने पर उनके परिजनों को बीमा या पेंशन की राशि पाने में परेशानी नहीं होगी।
बुधवार को ईपीएफओ के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ब्रजेश कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर में ई-नॉमिनेशन का अभियान शुरू किया गया है, ताकि अंशदाताओं के नहीं रहने पर उनके परिजनों को परेशानी नहीं हो। अंशधारकों के जीवित रहने पर भी उनको पेंशन की राशि प्राप्त करने में नॉमिनेशन रहने पर परेशानी नहीं होगी। वैसे ईपीएफओ ने अपनी ओर से सभी नियोक्ताओं को आदेश जारी कर कहा है कि वे अंशधारकों का शत-प्रतिशत नॉमिनेशन कराएं।
ईपीएफओ के नियमानुसार नॉमिनेशन जरूरी है वरना अंशधारकों के नहीं रहने पर उनकी जमा राशि यूं ही पड़ी रह जाएगी। नॉमिनेशन में एक से अधिक व्यक्तियों का नाम जोड़ा जा सकता है। खाताधारक जब चाहें व जितनी बार चाहें वे नॉमिनेशन कर सकते हैं। वहीं ई-नॉमिनेशन अभियान के नोडल अधिकारी सह ईपीएफओ के सहायक भविष्य निधि आयुक्त अतुल प्रकाश ने कहा कि नॉमिनी का नाम खुद खाताधारकों को ही भरना है।
बैंक खाता की तरह ही पीएफ खाता में नकदी रहती है, इसलिए खाताधारक अनिवार्य रूप से अपने आश्रितों का नाम दें। ईपीएफओ पेंशन के साथ ही आश्रितों के नहीं रहने पर सात लाख तक बीमा की राशि व पेंशन भी देता है। इन सुविधाओं का लाभ तभी मिलेगा जब नॉमिनेशन हो। मौके पर जनसंपर्क अधिकारी रविकांत सिन्हा मौजूद थे।