नीतीश कुमार महागठबंधन में रहकर आरजेडी को हराने में लगे? विपक्ष के दावे में कितनी सच्चाई
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार को आभास हो गया है कि दोनों जगह आरजेडी की हार हो रही है। इसलिए वे चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा रहे हैं।

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बिहार की दो विधानसभा सीटों गोपालगंज और मोकामा में हो रहे उपचुनाव से राज्य का सियासी पारा गर्म है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार के लिए नहीं जाने पर बीजेपी तंज कस रही है। विपक्ष का कहना है कि नीतीश कुमार महागठबंधन में रहकर ही आरजेडी को हराने में लगे हैं। बीजेपी समर्थित लोजपा (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने भी कहा कि नीतीश कुमार कभी भी महागठबंधन छोड़ सकते हैं। ऐसे में सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या वाकई सीएम नीतीश ने जानबूझकर मोकामा में चुनाव प्रचार से दूरी बनाई?
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आभास हो गया है कि दोनों जगह आरजेडी उम्मीदवार और महागठबंधन की हार हो रही है। इसलिए वे चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा रहे हैं, ताकि हार की जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं लेनी पड़े।
लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि सीएम नीतीश मोकामा से ज्यादा दूर नहीं रहते हैं। मगर चोट का हवाला देकर चुनाव प्रचार से दूरी बना रहे हैं। ये अपने आप में गठबंधन के लिए बेईमानी है। महागठबंधन में ईमानदारी है ही कहां।
आरजेडी को हराने में लगे नीतीश कुमार?
विपक्ष के इन आरोपों से चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नीतीश कुमार अंदरखाने अपनी सहयोगी आरजेडी के उम्मीदवारों को हराने में लगी हुई है? गोपालगंज और मोकामा दोनों सीटों पर नीतीश कुमार ने रैली नहीं की। पहले उनके डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ चुनाव प्रचार पर जाने की खबर आई थी, मगर बाद में मुख्यमंत्री ने खुद मीडिया के सामने आकर कहा कि स्टीमर से हुए हादसे में उन्हें पेट में चोट लगी। इस कारण वे प्रचार के लिए नहीं जाएंगे। सोमवार को सीएम ने वीडियो संदेश जारी कर वोटरों से आरजेडी प्रत्याशियों को वोट करने की अपील की।
महागठबंधन छोड़ेंगे नीतीश?
इससे पहले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही महागठबंधन को अलविदा कहेंगे और वापस एनडीए में जाएंगे। इसके बाद जेडीयू की सहयोगी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के मुखिया और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का बयान भी आया। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार बिहार के हित में बीजेपी के साथ वापस जाते हैं, तो वे उनका स्वागत करेंगे। हालांकि नीतीश कुमार कई मोर्चों पर कह चुके हैं कि वे जिन्दगी भर बीजेपी से हाथ नहीं मिलाने वाले हैं।
