ललन सिंह के काम से खुश नहीं नीतीश कुमार? 29 दिसंबर की बैठक में जेडीयू अध्यक्ष बदलने की चर्चा
जेडीयू की 29 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में ललन सिंह की पार्टी अध्यक्ष पद से छुट्टी होने की चर्चा है। खुद नीतीश कुमार जेडीयू की फिर से कमान संभाल सकते हैं। वे ललन से नाराज नजर आ रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से ललन सिंह को हटा सकते हैं। बताया जा रहा है कि सीएम नीतीश ललन सिंह के काम से खुश नहीं हैं। इसके अलावा उनकी आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से बढ़ती नजदीकी को लेकर भी नाराजगी है। नीतीश जेडीयू के कुछ अन्य सीनियर नेताओं की कार्यशैली से भी नाखुश हैं। 29 दिसंबर को दिल्ली में जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है। इसमें जेडीयू संगठन के अंदर बड़ा बदलाव हो सकता है। चर्चा यह भी है कि ललन सिंह की जगह खुद नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाल सकते हैं।
नीतीश कुमार 2016 से 2020 तक जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके बाद उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को पार्टी की कमान सौंप दी थी। इसके बाद 2021 में आरसीपी सिंह को हटाकर मुंगेर से सांसद ललन सिंह को जेडीयू का अध्यक्ष बनाया गया था। आरसीपी सिंह इसी साल बीजेपी में शामिल हो गए थे।
जेडीयू के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में संगठनात्मक नेतृत्व में बदलाव का फैसला लिया जाएगा। उसी दिन जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होने वाली है। दोनों बैठकें नई दिल्ली में आयोजित होंगी। इसमें नीतीश, ललन समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
जेडीयू के शीर्ष नेताओं ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की कार्यशैली से नाराज हैं। इसके अलावा वे पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के काम से भी खुश नहीं हैं। ललन सिंह बिहार सीएम की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं के बारे में इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ ठीक से समन्वय नहीं कर पा रहे हैं।
ललन सिंह की लालू से नजदीकियां नीतीश को पसंद नहीं?
हिन्दुस्तान टाइम्स ने जेडीयू के कुछ नेताओं से बात की। उन्होंने बताया कि ललन सिंह के कामकाज के तरीके से सीएम नीतीश कुमार खुश नहीं है। साथ ही ललन सिंह की आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी से नजदीकियां भी बढ़ रही हैं, इससे मुख्यमंत्री नाराज हैं। जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ललन सिंह ने नेतृत्व क्षमता नहीं दिखाई है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो बिहार के जेडीयू विधायकों और सांसदों ने भी ललन सिंह की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई है। जेडीयू नेताओं ने कहा कि राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर या बिहार के किसी दलित नेता को भी पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है।
हालांकि, जेडीयू के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने कहा कि अगर ललन सिंह आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से अपनी निकटता के आरोपों के बारे में नीतीश कुमार को समझाने में कामयाब रहे, तो उनका पद बरकरार भी रह सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर शीर्ष नेतृत्व में कोई बदलाव होगा तो सिर्फ नीतीश कुमार ही करेंगे। क्योंकि जेडीयू के वे सर्वोच्च नेता हैं।
नीतीश खुद संभालेंगे जेडीयू की कमान?
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके करीबी भरोसेमंद नेताओं ने सलाह दी है कि उन्हें जेडीयू अध्यक्ष का पद संभालना चाहिए। क्योंकि इससे पार्टी के भीतर किसी भी तरह की कलह नहीं होगी। अगर ललन सिंह की जगह किसी नए चेहरे को पार्टी की कमान सौंपी जाएगी, तो पार्टी में घमासान मच सकता है।
दूसरी ओर, जेडीयू अध्यक्ष बदले जाने की खबरों से ललन सिंह ने खंडन किया है। संगठन में बदलाव के सवाल पर वे शनिवार को पत्रकारों पर भड़क गए। ललन ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में क्या किया जाएगा, इस पर हम आपके साथ चर्चा थोड़ी न करेंगे।
जेडीयू नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ ठीक से समन्वय करना चाहते थे, इसमें ललन सिंह विफल रहे। इसलिए वे उनसे नाराज हैं। हालांकि, नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से अपनी राष्ट्रीय आकांक्षाओं से इनकार करते नजर आए हैं। 19 दिसंबर को नई दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले पटना में उन्हें पीएम कैंडिडेट के रूप में पेश किए जाने वाले पोस्टर लगे थे। जेडीयू के वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाना चाहिए था।