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कोरोना को लेकर नीतीश सरकार गंभीर नहीं? हाईकोर्ट ने कहा- तीसरी लहर की तैयारी का जिलावार ब्योरा दे बिहार सरकार

पटना हाईकोर्ट ने कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसा लगता है कि अब राज्य सरकार कोरोना को लेकर गम्भीर नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना तथा सामाजिक दूरी बनाये रखना...

कोरोना को लेकर नीतीश सरकार गंभीर नहीं? हाईकोर्ट ने कहा- तीसरी लहर की तैयारी का जिलावार ब्योरा दे बिहार सरकार
पटना। विधि संवाददाताTue, 27 Jul 2021 09:52 PM

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पटना हाईकोर्ट ने कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसा लगता है कि अब राज्य सरकार कोरोना को लेकर गम्भीर नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना तथा सामाजिक दूरी बनाये रखना मुख्य है, लेकिन प्रदेश में इसका पालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने इसे सख्ती से पालन कराने का आदेश राज्य सरकार को दिया। वहीं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को वैक्सीन के बारे में पूरी जानकारी देने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा कि सूबे के लोगों के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की क्या स्थिति है, इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा कि मौजूदा समय में राज्य में वैक्सीन की कितनी डोज उपलब्ध है। कितनी डोज और चाहिए, यह जानकारी दें, ताकि केंद्र सरकार को वैक्सीन देने का निर्देश दिया जा सके।  

तीसरी लहर से निपटने की करें तैयारी

वहीं, कोर्ट ने सम्भावित तीसरी लहर के बारे में सरकार की ओर से ठोस जानकारी नहीं दिये जाने पर भी सवाल खड़ा किया। कोर्ट ने कहा कि तीसरी लहर से लड़ने के लिए अभी से ही तैयारी करनी होगी। कोर्ट ने कहा कि जिलावार अस्पतालों में कोरोना तथा गैर कोरोना मरीजों के इलाज की क्या तैयारी की जा रही हैं, ऑक्सीजनयुक्त बेड कितने हैं, की जानकारी राज्य सरकार दे। वहीं, बिहटा स्थित ईएसआई अस्पताल को भी सम्भावित तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही तैयारी का पूरी जानकारी देने का आदेश दिया। कोर्ट ने करोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है, के बारे में भी जवाब देने का आदेश दिया है।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस. कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में 71% लोगों का टीकाकरण हो गया है। इस पर कोर्ट ने जानना चाहा कि कितने लोगों को फर्स्ट डोज और कितने को दोनों डोज दी गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई में पूरी जानकारी देने को कहा। राज्य सरकार की ओर से कोरोना पर दिये गये हलफनामा पर कोर्ट ने असंतोष जाहिर किया। वैक्सीनेशन से लेकर संक्रमितों की संख्या का सही-सही ब्योरा देने को कहा। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में अभी कोरोना जांच काफी कम हो रही है, ऐसे में पॉजिटिव मरीजों की वास्तविक संख्या बताना संभव नहीं है। कोर्ट ने मामले पर आगामी 30 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया।

बिहटा ईएसआई अस्पताल : आधा-अधूरा जवाब नहीं दें

बिहटा स्थित ईएसआई अस्पताल की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि अस्पताल में 257 पद रिक्त हैं। साथ ही अस्पताल में जरूरी संसाधनों को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल की ओर से दायर जवाब पर कोर्ट ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आधा अधूरा जवाब नहीं दें। रिक्त पद कब तक भरे जायेंगे व जरूरी संसाधन कब तक उपलब्ध होंगे, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। 

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