राजपूत, भूमिहार और यादव; फ्लोर टेस्ट में नीतीश कुमार ने तोड़े RJD के 3 विधायक, बड़ा संदेश
मोकामा की विधायक नीलम देवी भूमिहार बिरादरी में बड़ा असर रखने वाले नेता अनंत सिंह की पत्नी हैं। उनका टूट जाना राज्य में भूमिहार वोटों के लिए लिहाज से एक संदेश है। ऐसे ही चेतन और प्रहलाद का प्रभाव है।
बिहार विधानसभा में एनडीए के साथ बनाई अपनी नई सरकार के फ्लोर टेस्ट में नीतीश कुमार पास होते दिख रहे हैं। यही नहीं इस दौरान उन्होंने विरोधी खेमे की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी में भी बड़ी सेंध लगा दी है। स्पीकर अवध बिहार चौधरी के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही आरजेडी के तीन विधायक नीलम देवी, चेतन आनंद और प्रहलाद यादव सत्ता पक्ष की सीटों पर बैठे नजर आए। यही नहीं अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो उन्होंने सरकार की तरफ से मतदान भी किया। इस तरह नीतीश कुमार ने बड़ी सेंध मार दी। अहम बात यह है कि ये तीनों ही विधायक अच्छा खासा प्रभाव अपनी जातियों पर भी रखते हैं।
'दशरथ नहीं चाहते थे राम वनवास जाएं, लेकिन...', नीतीश पर तेजस्वी का तंज
जातीय राजनीति के लिहाज से संवेदनशील राज्य बिहार में चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव का टूट जाना लालू प्रसाद यादव के लिए बड़ा झटका है। मोकामा सीट की विधायक नीलम देवी भूमिहार बिरादरी में बड़ा असर रखने वाले नेता अनंत सिंह की पत्नी हैं। उनका टूट जाना राज्य में भूमिहार वोटों के लिए लिहाज से एक संदेश है। यही नहीं चेतन आनंद का टूटना भी उतनी ही चिंता की बात है, जो राजपूत बिरादरी से आते हैं। उनके पिता आनंद मोहन का राजपूत लॉबी में बड़ा असर रहा है। चेतन आनंद ने पालाबदल के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी लिखा, जिससे साफ है कि उनके इरादे कहां तक हैं।
चेतन आनंद ने दिखाए तेवर- ठाकुर के कुएं में पानी बहुत है
इसके अलावा मनोज झा की ओर से राज्यसभा में पढ़ी 'ठाकुर का कुआं' कविता को लेकर भी उन्होंने फिर निशाना साधा। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, 'ठाकुर के कुएं में पानी बहुत है। सब को पिलाना है।' इस तरह उन्होंने साफ कर दिया कि वह बिहार में आरजेडी को पानी पिलाने वाले हैं। राजपूतों का एक वर्ग एक अरसे से बिहार में आरजेडी को वोट करता रहा है। वहीं बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ जाता है। अब चेतन आनंद के इस रुख ने राजपूत लॉबी के आरजेडी को पकड़ कमजोर करने का संकेत दिया है।
प्रहलाद यादव तो RJD के संस्थापक सदस्य, टूटना कितना बड़ा नुकसान
अब बात प्रहलाद यादव की। आरजेडी के संस्थापक सदस्य रहे प्रहलाद यादव तीन बार विधायक रहे हैं। लखीसराय के जिलाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने जब आरजेडी से अलग लाइन ली तो यह चौंकाने वाला था। यादव वोटों को लालू प्रसाद यादव की पार्टी अपना बेस वोट मानती रही है। ऐसे में प्रहलाद यादव का टूटना एक बड़ा संदेश है। वह भी ऐसे समय में जब भाजपा ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश की सीएम बनाया है और उन्हें एक संदेश देने के लिए बिहार में आमंत्रित भी किया गया था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।