महिला हो, कुछ जानती नहीं हो; नीतीश कुमार ने फिर से बिहार विधानसभा में खोया आपा, RJD की रेखा देवी पर भड़के
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को एक बार फिर विधानसभा में आपा खो बैठे। उन्होंने आरजेडी की विधायक रेखा देवी के भाषण पर ऐतराज जताते हुए कहा कि आप क्या बोल रही है। महिला हो, कुछ जानती हो।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को एक बार फिर विधानसभा में आपा खो बैठे। उन्होंने आरजेडी की विधायक रेखा देवी के भाषण पर ऐतराज जताते हुए कहा कि आप क्या बोल रही है। उन्होंने कहा कि महिला हो, कुछ जानती नहीं हो। पता नहीं क्या-क्या बोल रही है। आपको पता है कि महिलाओं की क्या स्थिति थी। 2005 के बाद ही महिलाओं की स्थिति ऐसी हुई। रेखा देवी के आरोपों पर नीतीश कुमार हत्थे से उखड़ गए और फिर जमकर बोले। उनके बयान को आरजेडी समेत विपक्षी दलों ने महिलाओं का अपमान करार दिया है।
नीतीश कुमार ने कहा, 'अरे, महिला हो। कुछ जानती नहीं हो। बोल रही है, कहां से आकर। इन लोगों के साथ आकर। अरे 2005 के बाद ही न महिला को आगे बढ़ाए हैं। ऐसे ही बोल रही हो, फालतू। इसीलिए हम कह रहे हैं कि चुपचाप सुनो।' इसके बाद भी जब आरजेडी के विधायक हंगामा करते रहे तो नीतीश कुमार ने कहा कि क्या हुआ। सुनोगे नहीं। हम तो सुनाएंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने तो सबके लिए तय कर दिया कि उन्हें आरक्षण मिले। हमने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 50 से 75 तक कर दिया है।
बिहार सीएम के इस तरह महिला विधायक पर भड़कने पर विपक्ष ने माफी की मांग की है। रेखा देवी ने कहा कि वह हम सबके मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्होंने बोलने का तरीका होना चाहिए। आप महिला के बारे में बात कर रहे हैं। रेखा देवी ने कहा, 'महिला के साथ बोलने के का एक तरीका होता है, लेकिन सीएम तो वह तरीका ही भूल गए। महिला क्या है, आखिर वह कुछ नहीं है। धरती माता कौन है। बताइए महिला से कहते हैं कि वह कुछ नहीं जानती है। कैसे आ गई महिला। हर घर में मां, बहन और बेटी हैं।'
रेखा देवी ने की- नीतीश कुमार से माफी की मांग, पर एक बात मानी
हालांकि रेखा देवी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार बेटियों को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन यह नहीं देखते हैं कि उनके साथ क्या हो रहा है। आखिर महिलाएं कहां सुरक्षित हैं। वह जिस तरह से बोले हैं। इसके लिए उन्हें महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। वहीं जेडीयू ने कहा कि नीतीश कुमार ने तो 2005 के बाद के अपने काम की याद दिलाई कि कैसे महिलाओं का सशक्तीकरण हुआ है।