पुलिस के हाथ लगी NEET सॉल्वर गैंग के सरगना की फोटो, लग्जरी कार, आलिशान मकान और पार्टियों का शौकीन है पीके
सॉल्वर गैंग के सरगना पीके की फोटो पुलिस के हाथ लगी है। पीके की गिरफ्तारी के लिए वाराणसी में कई टीमें गठित की गई हैं। पुलिस की अलग-अलग टीमें साल्वर गैंग के सरगना की तलाश पटना, त्रिपुरा व...
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सॉल्वर गैंग के सरगना पीके की फोटो पुलिस के हाथ लगी है। पीके की गिरफ्तारी के लिए वाराणसी में कई टीमें गठित की गई हैं। पुलिस की अलग-अलग टीमें साल्वर गैंग के सरगना की तलाश पटना, त्रिपुरा व बेंगलुरु में करेगी।
पुलिस के मुताबिक पीके का असली नाम नीलेश कुमार (पुत्र कमल वंश नारायण सिंह) है। वह सारण जिले के ग्राम सेंधवा थाना एकमा का मूल निवासी है। पीके लग्जरी कार, आलीशान मकान व पार्टियों का शौकीन है। चकमा देने के लिए पीके खुद को बताता डॉक्टर बताता था। पिछले कई सालों से पीके साल्वर गैंग चला रहा था। लेकिन पहली बार पीके का नाम सामने आया है। इस बीच खगड़िया से पकड़ा गया विकास बीएससी पास है। अभी तक साल्वर गैंग से जुड़े छह शातिर जेल जा चुके हैं और आठ से अधिक शातिर रडार पर हैं।
छपरा का है पीके, फरार अंशु से जुड़े हैं तार
पकड़े गये विकास ने पुलिस को बताया कि पीके काफी समय से पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र स्थित बीएसएनल टेलीफोन एक्सचेंज के सामने परिवार के साथ रहता है। पीके उर्फ नीलेश के साथ कई और लोग भी शामिल हैं। सॉल्वर बैठाकर नीट में एडमिशन के लिए केस कई लोग देते थे। उनमें लखनऊ के ओसामा शाहिद, अंशु सिंह और बबलू (जो बिहार के हैं और बेंगलुरु में रहते हैं) तथा त्रिपुरा में रहने वाला देबू को वह जानता है। ये लोग नीट परीक्षा में बैठने वाले लड़के-लड़कियों की तलाश करते थे जो कि फर्जी तरीके से परीक्षा पास करने के लिए इनसे संपर्क करते थे। उनके डॉक्यूमेंट व फोटो आदि तथा रुपए लेकर पीके उर्फ प्रेम कुमार और नीलेश को भेज देते थे।