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90 के दशक से वीटीआर को रेड कॉरिडोर बनाने की साजिश में लगे हैं नक्सली​

तेलंगाना से लेकर वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना होते हुए नेपाल तक रेड कॉरिडोर बनाने की मंशा नक्सलियों में 90 के दशक से कायम है। 90 के दशक से लेकर 2000 तक पश्चिम चंपारण में नक्सलियों ने कई घटनाओं को अंजाम...

90 के दशक से वीटीआर को रेड कॉरिडोर बनाने की साजिश में लगे हैं नक्सली​
बेतिया। सत्येन्द्र नारायण शर्मा​Sat, 11 Jul 2020 11:35 AM
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तेलंगाना से लेकर वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना होते हुए नेपाल तक रेड कॉरिडोर बनाने की मंशा नक्सलियों में 90 के दशक से कायम है। 90 के दशक से लेकर 2000 तक पश्चिम चंपारण में नक्सलियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिया था। इसी लाल कॉरिडोर बनाने की योजना के तहत नेपाल व तेलंगना से आए माओवादियों के नेतृत्व में स्थानीय माओवादियों ने गोर्वधना थाना के नवनिर्मित भवन को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया था। इसके बाद सेमरी दोन में बीएमपी के पुलिस पिकेट पर दर्जनों महिला व पुरुष माओवादियों ने फायरिंग कर जवानों को घायल करने के बाद हथियार पर गोला बारूद लूट लिए थे। लगभग दो दर्जन से ज्यादा अत्याधुनिक हथियार व पांच हजार राउंड से ज्यादा गोलियां नक्सलियों के हाथ लगी थी।​
 वर्ष 2007 में माओवादियों ने स्थापना दिवस के अवसर पर विध्वंसक कार्रवाई की योजना बनायी थी। खुफिया विभाग ने उस वक्त बगहा पुलिस को सतर्क किया था कि माओवादियों के एरिया कमांडर कृष्णा उरांव ने गोबरहिया थाना के बनवारी गांव के समीप नेपाल के माओवादियों के साथ अपना कैंप स्थापित किया है। इस खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस व एसएसबी ने सघन तलाशी अभियान चलाया था। वहीं वन विभाग के जीमरी कार्यालय को भी नक्सलियों ने उड़ा दिया था। रतनपुरवा गांव में दर्जनों की संख्या में ट्रैक्टर से पहुंचे महिला नक्सलियों ने स्थानीय दबंग विजय सिंह व उनके परिवार के लोगों की हत्या एके-47 से गोली मार कर दी थी। ​

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