मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड: शेल्टर होम तोड़ने के मामले में फिलहाल कोर्ट से राहत नहीं
पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर के चर्चित शेल्टर होम तोड़ने के मामले में फिलहाल किसी प्रकार की रहत देने से इनकार करते हुए म्यूनिसिपल बिल्डिंग ट्रिब्यूनल को 9 जनवरी को मामले पर सुनवाई करने का आदेश...
पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर के चर्चित शेल्टर होम तोड़ने के मामले में फिलहाल किसी प्रकार की रहत देने से इनकार करते हुए म्यूनिसिपल बिल्डिंग ट्रिब्यूनल को 9 जनवरी को मामले पर सुनवाई करने का आदेश दिया है। अदालत ने ब्रजेश ठाकुर की पत्नी कुमारी आशा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की। उनके वकील रंजन कुमार दुबे ने कोर्ट को बताया की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने इस शेल्टर होम के खिलाफ निगरानी केस दर्ज किया है। उनका कहना था कि फिलहाल विवादित मकान का जी प्लस एक का स्वीकृत नक्शा का कागज है लेकिन इसके ऊपर के बने मकान के नक्शे का कोई कागज मौजूदा समय में नहीं है। आवेदिका के पति जेल में हैं, इस कारण नक्शा के अलावा और कोई कागज नहीं है।
वहीं अर्जी का विरोध करते हुए मुजफ्फरपुर नगर निगम के वकील प्रसून सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मकान को अवैध करार देते हुए इसे तोड़ने का आदेश दिया है। इस पर आवेदिका के वकील ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कोर्ट को बताया कि यदि ऐसा है तो फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मकान तोड़ने के बजाय निगरानी केस कैसे दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई। इसके बाद मुजफ्फरपुर नगर निगम के वकील ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मकान की संरचनाओं की जांच पड़ताल की गई।