मोतीझील की बदहाली: दुकानों में आने-जाने के लिए चचरी बनी सहारा, गड्ढे में गिरने के डर से नहीं आ रहे ग्राहक, बोहनी पर आफत
गड्ढा खोदकर निर्माण के लिए नाले का बहाव बांध बनाकर रोक दिया गया है। सड़क पर पानी बह रहा है। कल्याणी चौक से श्याम सिनेमा हॉल के पास तक करीब 700 मीटर में कीचड़ और पानी से पैदल चलना मुश्किल है। मोतीझील ओ
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मुजफ्फरपुर के मोतीझील में स्मार्ट सिटी के तहत 5.87 करोड़ की लागत से बनने वाले नाले ने कारोबार पर अब तक 26 करोड़ रुपये की चोट दी है। 26 मार्च को 70 दुकानों के आगे 450 फीट में खोदे गये गड्ढे से रोज 50 लाख से अधिक का कारोबार प्रभावित हो रहा है। बावजूद काम चींटी की चाल में हो रहा है। बीते 53 दिनों में मात्र 60 फीट नाले का निर्माण हो सका है। ऐसी ही सुस्त चाल रही तो 1400 फीट नाला बनाने में 1219 दिन लगेंगे।
गड्ढा खोदकर निर्माण के लिए नाले का बहाव बांध बनाकर रोक दिया गया है। सड़क पर पानी बह रहा है। कल्याणी चौक से श्याम सिनेमा हॉल के पास तक करीब 700 मीटर में कीचड़ और पानी से पैदल चलना मुश्किल है। मोतीझील ओवरब्रिज के नीचे दोनों ओर सड़क पर जमा पानी काला पड़ गया है, जिसकी बदबू से राह चलना कठिन है।
कीचड़ और जलजमाव से नारकीय स्थिति
मोतीझील व्यवसायी संघ के अध्यक्ष त्रिभुवन राय उर्फ टुल्लू राय ने बताया कि हर दिन 50 लाख रुपये का टर्नओवर प्रभावित हो रहा है। यहां पर 40 दुकानें शो-रूम सरीखे हैं। दुकानों में आने-जाने के लिए चचरी ही सहारा है। चचरी से गिरने के कारण ग्राहक नहीं आ रहे हैं। कीचड़ और जलजमाव भी ग्राहकों को रोक रहा है।
कई दुकानों में पुराने माल खत्म हो गये। चचरी के कारण नये माल की गांठ दुकानों में नहीं पहुंच पा रही है। पहले जिन दुकानों में भीड़ जुटी रहती थी, अब वहां के दुकानदार दिनभर ग्राहकों के इंतजार में टकटकी लगाए बैठ रहे हैं। ग्राहक नहीं आने के कारण कई सेल्समैन दुकानों से हटा दिए गए। त्रिभुवन राय ने बताया कि नगर आयुक्त ने मोतीझील में निर्माण शुरू कराने से पहले दुकानदारों की सहमति मांगी थी। तब उन्होंने भरोसा दिलाया था कि मोतीझील में सड़क के दोनों किनारे के 1400 फीट नाले का निर्माण पूरा करा लिया जायेगा।
फरदो की सफाई भी इस अवधि में करा ली जायेगी। इसके बाद जलजमाव से मुक्ति मिल जायेगी। नगर आयुक्त के इस भरोसे पर स्थानीय व्यवसायियों ने सहमति दे दी, लेकिन 53 दिन बीतने पर महज 60 फीट में नाला बना इससे स्थानीय व्यवसायियों की चिंता गहरा गई है।