मुंगेर के बीजेपी विधायक ने खोया आपा, धरने पर बैठे छात्रों को धमकाया, कहा- जानते नहीं हो, दो मिनट में खाली करवा देंगे
बीजेपी विधायक प्रणव कुमार के मुंगेर यूनिवर्सिटी में धरना दे रहे छात्रों को धमकाने का मामला सामने आया है। जिसमें वो कहा रहे हैं कि जानते नहीं हो, 2 मिनट में खाली करवा दूंगा। फिर सफाई भी दी।
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बीजेपी विधायक प्रणव कुमार का मुंगेर यूनिवर्सिटी में सीनेट की बैठक में विरोध कर रहे छात्रों को धमकाने का मामला सामने आया है। जिसमें बीजेपी विधायक प्रदर्शन कर रहे छात्रों को कह रहे हैं कि मुझे पहचानते नहीं हो 2 मिनट में खाली करवा देंगे। दरअसल शनिवार को सीनेट की बैठक में शामिल होने आए विधायकों प्रणव कुमार को छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। बैठक में एमयू के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 876 करोड़ के घाटे के बजट को पारित किया गया।
बीजेपी विधायक ने छात्रों को दी थी धमकी
वहीं, छात्र संगठन से जुड़े छात्रों ने बीस सूत्री मांगों को लेकर मुंगेर कुलपति प्रो. श्यामा राय के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। इसको देखते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस में भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। यूनिवर्सिटी के मेन गेट को बंद रखा गया था, जिसकी वजह से छात्र राजद और एवीबीपी के कार्यकर्ता गेट के बाहर नारेबाजी कर अपना विरोध जता रहे थे। बैठक खत्म होने के बाद मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार जैसे ही बाहर निकले तो छात्र संघ प्रणव कुमार गो बैक-गो बैक के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसी दौरान विधायक को गुस्सा आ गया था।
छात्र राजद ने जताया विरोध
इस मामले में छात्र राजद के जिलाध्यक्ष यीशु यादव ने बताया कि कई संगठनों के लोग सीनेट की बैठक का विरोध कर रहे थे। उसी समय भाजपा विधायक द्वारा विरोध कर रहे छात्रों के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया जो कि सही नहीं है। इसका छात्र राजद विरोध करता है। वहीं इस मामले पर बीजेपी विधायक प्रणव कुमार ने सफाई भी दी
धमकी के बाद विधायक की सफाई
प्रणव कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी की गेट के बाहर कई लोग डंडा लिए खड़े थे और हमें निकलने नहीं दे रहे थे। इसके बाद आग्रह भी किया तो वह लोग नहीं माने। बल्कि कई तरह की नारेबाजी करने लगे। वह लोग कोई छात्र संगठन के नहीं थे। बल्कि वह अपराधी किस्म के लोग थे, जिसको लेकर उन्हें डांटा गया था, जबकि जो विरोध कर रहे हैं, उनको यह विरोध मुंगेर यूनिवर्सिटी के प्रबंधक से और सीनेट के अन्य सदस्यों से या सरकार के अंग से करना चाहिए था। पर वह उन सबको छोड़ बेवजह हमारा ही विरोध करने लगे थे। इसके बाद उन्हें डांटा था।