सुशांत सिंह के पिता केके सिंह और डीसीपी के बीच व्हाट्सएप पर हुई बातीचत वायरल होने के बाद मुंबई पुलिस की तरफ से इस पर सफाई दी गई है। मुंबई डीसीपी परमजीत एस दहिया ने कहा कि मैंने सुशांत के पिता को साफ बताया था कि आप लिखित शिकायत करें, नहीं तो हम इस पर एक्शन नहीं ले सकते हैं। डीसीपी ने बताया कि उनके पिता का कहना था कि लड़की को या उनके एसोसिएट को बांद्रा पुलिस स्टेशन बुलाया जाए और डराया-धमकाया जाए। डीसीपी ने कहा कि जो कि गैर कानूनी है, इसलिए हमने साफ मना कर दिया। और उन्हें तुरंत लिखित शिकायत करने को कहा। इसके बाद वो लिखित शिकायत मेरे पास कभी भी नहीं लेकर आए।
वहीं दूसरी ओर सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा कि मुंबई पुलिस के हिसाब से तो कोई अपराध हुआ ही नहीं है क्योंकि वो बचाना चाह रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि आज की सुनवाई के बाद महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस पटना पुलिस को पूरा सहयोग देगी, जब तक सीबीआई मामले को टेकओवर नहीं करती। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ बोला है कि मुंबई पुलिस ने जो बिहार पुलिस को क्वारंटीन किया था ये बहुत गलत है। और जब तक सीबीआई औपचारिक अधिसूचना(नोटिफिकेशन) के तहत मामले को अपने हाथ में नहीं लेती है तब तक बिहार पुलिस जांच करेगी।
सुशांत के पिता ने 25 फरवरी को किया था आगाह :
सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने बेटे की जान पर खतरे को लेकर मुंबई पुलिस को आगाह किया था। 25 फरवरी को बांद्रा पुलिस को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की थी। सुशांत के पिता ने मैसेज में लिखा था कि डिप्रेशन के इलाज के बहाने रिया और उसके परिवार वाले उसे एयरपोर्ट के पास एक रिसॉर्ट में ले गए हैं। तीन माह से उसे वहां रखा है। रिया ने सुशांत के सभी भरोसेमंद कर्मियों को निकाल दिया है। उसने अपने लोगों को वहां रखा है। सुशांत बहुत ही प्यारा लड़का है। उसने हमसे मदद मांगी है। साथ रहने वाला उसका क्लासमेट बाकी की चीजें बता देगा। सुशांत के पिता केके सिंह का आरोप है कि अगर उसी वक्त मुंबई पुलिस इन बातों पर ध्यान देती तो शायद उनके बेटे की जान बच जाती। मुंबई पुलिस के रवैये से वे उदास हैं।