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सड़क दुर्घटना रोकने को हाईवे पर होगी निगरानी, कैमरों से रखी जाएगी नजर

राजकीय व राष्ट्रीय उच्च पथों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अब इन सड़कों पर चलने वाली वाहनों की गति की निगरानी होगी। अभी स्पीड गन व कैमरे से कई स्थानों पर इसकी निगरानी हो रही है।...

सड़क दुर्घटना रोकने को हाईवे पर होगी निगरानी, कैमरों से रखी जाएगी नजर
हिन्दुस्तान,पटनाSat, 21 Nov 2020 07:41 PM
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राजकीय व राष्ट्रीय उच्च पथों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अब इन सड़कों पर चलने वाली वाहनों की गति की निगरानी होगी। अभी स्पीड गन व कैमरे से कई स्थानों पर इसकी निगरानी हो रही है। परिवहन विभाग ने कुछ और स्थानों पर कैमरा लगाने का निर्णय लिया है, ताकि अधिक से अधिक गाड़ियों की रफ्तार पकड़ में आ सके। 

विभागीय अधिकारियों के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने करने के लिए नेशनल और स्टेट हाइवे पर अब पेट्रोलिंग की जाएगी। परिवहन विभाग के अधिकारी कैमरों की सहायता से वाहनों की गति की निगरानी करेंगे। इसके पीछे विभाग की मंशा है कि एनएच या एसएच पर अधिक तेज गति से गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई हो सके। अधिकारियों के अनुसार इस काम में परिवहन विभाग सीआईडी की भी मदद लेगा। इस काम में दोनों विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से काम करेंगे। इनके पास स्पीडगन और इंटरसेप्टर ह्विकल भी होगा। 

सीसीटीवी कैमरे से होगी निगरानी
स्टेट व नेशनल हाइवे पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे। जिन अधिकारियों को पेट्रोलिंग करने का जिम्मा दिया जाएगा, उनको कैमरे से कनेक्ट किया जायेगा, ताकि वे हाइवे पर गाड़ियों की गति सीमा को अपने मोबाइल पर ही देख सकें। अपने निर्णय को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने के लिए विभाग ने कर्मचारी व अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का भी निर्णय लिया है। जल्द ही राज्यव्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होगा।

टोल प्लाजा से निगरानी होगी
ओवर स्पीडिंग सीसीटीवी कैमरा, स्पीडगन आदि के माध्यम से सशक्त तरीके से ओवर स्पीडिंग पर कार्रवाई की जा सकती है। टोल प्लाजा के अलावा अन्य जगहों पर प्वाइंट टू प्वाइंट एवरेज स्पीड कैमरा के माध्यम से ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहनों की पहचान होगी और इसके बाद इसके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अधिक दुर्घटना एनएच-एसएच पर  
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े को देखें तो पता चलता है कि 80 से 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण मानवीय भूल और लापरवाही से वाहन चलाना है। इसमें भी ओवरस्पीड, ओवरटेक अहम कारण है। लोगों की यही भूल एनएच-एसएच पर भारी पड़ रही है। मात्र 3-4 प्रतिशत सड़क दुर्घटना गाड़ियों की तकनीकी खराबी तो चार-पांच प्रतिशत दुर्घटनाएं सड़क की बनावट या अन्य कारणों से होती है।

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