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लॉकडाउन से उत्तर बिहार में दूध की खपत 50 फीसद डाउन

उत्तर बिहार में लॉकडाउन के कारण दूध की खपत में तेजी से गिरावट आ रही है। सुधा डेयरी और मवेशी पालकों के लेखा-जोखा को देखें तो खपत 50 फीसदी तक डाउन दिखती है। कोरोना से उत्पन्न संकट में मवेशीपालक दोहरी...

लॉकडाउन से उत्तर बिहार में दूध की खपत 50 फीसद डाउन
Abhishekमुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाताWed, 01 Apr 2020 04:21 PM
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उत्तर बिहार में लॉकडाउन के कारण दूध की खपत में तेजी से गिरावट आ रही है। सुधा डेयरी और मवेशी पालकों के लेखा-जोखा को देखें तो खपत 50 फीसदी तक डाउन दिखती है। कोरोना से उत्पन्न संकट में मवेशीपालक दोहरी मार झेल रहे। एक तरफ उनके मवेशियों को भरपूर चारा मयस्सर नहीं हो पा रहा जिससे उनकी सेहत खराब होती जा रही, दूसरा जितने दूध का उत्पादन वे कर रहे है, उसकी ने खपत नहीं हो पा रही। और तो और तीन से चारगुना महंगे हुए चारे के हिसाब से उनकों दूध की कीमत भी सही नहीं मिल पा रही। लागत अधिक होने से वे बस मवेशियों को जिंदा रखने भर की जुगत कर रहे हैं।  
   
1.70 लाख लीटर से घट आपूर्ति 90 हजार हुई
सुधा डेयरी के एमडी अरविंद कुमार के अनुसार लॉकडाउन से पहले मुजफ्फरपुर में प्रतिदिन दूध की बिक्री 1.70 लाख लीटर थी जो अभी घटकर सिर्फ 90 हजार लीटर पर आ गई है। इसके अलावे आधा दर्जन डेयरी उत्तर बिहार में दूध की आपूर्ति करते थे जिसकी आपूर्ति में भारी कमी आयी है। एमडी के अनुसार उनके यहां से हर दिन 25 हजार लीटर दूध की सप्लाई झारखंड को की जा रही थी जिस पर रोक लग गई है।  
 होटलों व चाय दुकानों के बंद होने से परेशानी
 कई मवेशीपालकों ने बताया कि दूध नहीं बिक पा रहा है। ग्रामीण इलाकों से वह शहर के होटलों व चाय दुकानों में दूध की आपूर्ति करते थे। लॉकडाउन में सब बंद होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं।  
बंद हो सकतीं हैं समितियां
सुधा डेयरी में दर्जनों समितियां दूध सप्लाई करती है। समितियों को हजारों मवेशीपालक  दूध आपूर्ति करते हैं। डेयरी में काफी मात्रा में दूध जमा हो जा रहा है। डेयरी प्रबंधन की ओर से समितियों को दूध कम देने को कहा गया है। एमडी के मुताबिक हालात और बिगड़ते हैं तो हमें समितियों से दूध लेना बंद करना होगा।

क्या कह रहे किसान

लॉकडाउन मेरे परिवार पर पहाड़ जैसा टूट पड़ा है। कर्ज लेकर मवेशी खरीदा। दूध शहर के होटलों में सप्लाई करता था। सब बंद हो गया। घर में खाने पर आफत हो जाएगा।
नरेश राय, मवेशी पालक, कांटी


दूध डेयरी में सप्लाई करता हूं। खपत कम होने से दूध की बिक्री बंद हो गई है। दूध से पैसा आता है, उसी से परिवार चलता है। परिवार बड़ा होने के कारण परेशानी बढ़ी है।  
ब्रजमोहन, मवेशी पालक, कटरा

चारा की आवाजाही पर रोक नहीं है। अगर कोई किसानों से चारे की अधिक कीमत वसूल रहा है तो उनपर कार्रवाई होगी। दूध की खपत घटी है। इस समस्या को लेकर कोई दिशा-निर्देश अभी नहीं आया है।
डॉ मनोज कुमार, जिला पशुपालन अधिकारी

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