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यहां गिरा था माता सती का बायां कंधा, बेहद दिलचस्प है मिथिला शक्तिपीठ की कहानी

बिहार के दरभंगा जिले में माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ मौजूद है जिसे मिथिला शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार माता सती का बायां कंधा इस स्थान पर गिरा था।

यहां गिरा था माता सती का बायां कंधा, बेहद दिलचस्प है मिथिला शक्तिपीठ की कहानी
Atul Guptaलाइव हिंदुस्तान,दरभंगाWed, 08 Feb 2023 04:47 PM

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बिहार के दरभंगा जिले के पास मां उमा देवी का मंदिर है जो माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। कहा जाता है कि माता सती का बायां कंधा यहां गिरा था। कंधे के गिरने के स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया। यहां माता सती की मूर्ति को महादेवी या उमा कहा जाता है और भगवान शिव को महोदर के रूप में पूजा जाता है। भगवान शिव और माता सती की मूर्तियां एक पहाड़ पर स्थित हैं। इसी शक्तिपीठ के समीप प्रसिद्ध जानकी देवी का मंदिर भी है। मिथिला माता सीता का जन्म स्थान है।

मिथिला शक्तिपीठ का इतिहास अनूठा है। कहते हैं कि पहले नेपाल तक का सारा प्रदेश मिथिला प्रदेश था जहां माता सीता का जन्म हुआ था उनके पिता राजा जनक का इस क्षेत्र पर शासन हुआ करता था। इस स्थान का इतिहास उस समय का है जब कहा जाता है कि माता सती का बायां कंधा इस स्थान पर गिरा था। इस मंदिर की उत्पत्ति और निर्माण के बारे में सबसे अच्छी जानकारी स्थानीय लोगों से मिलती है।

मंदिर खुलने का समय

मंदिर सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।

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