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लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में भाजपा ने सवर्णों को साधा, जदयू ने पिछड़ों पर लगाया दांव  

एनडीए ने बिहार में पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियों पर दांव लगाया है। गठबंधन में शामिल तीनों दलों ने आधी सीटें इस तबके को दी है। पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति मिलकार तीनों दलों ने 20 उम्मीदवार उतारे हैं। सवर्णों...

लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में भाजपा ने सवर्णों को साधा, जदयू ने पिछड़ों पर लगाया दांव  
  पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो Sun, 24 Mar 2019 09:33 AM
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एनडीए ने बिहार में पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियों पर दांव लगाया है। गठबंधन में शामिल तीनों दलों ने आधी सीटें इस तबके को दी है। पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति मिलकार तीनों दलों ने 20 उम्मीदवार उतारे हैं। सवर्णों को भी 13 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा छह सुरक्षित सीटों से स्वभाविक रूप से दलित उम्मीदवार दिये गये हैं। एनडीए ने एक मात्र सीट खगड़िया छोड़ जिन 39 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा शनिवार को की, उनमें जातीय और सामाजिक समीकरण साधने की हर कोशिश दिखती है। आबादी का ख्याल रखा गया है तो अपने-अपने आधार मतों पर भी तीनों दलों की नजर रही है। एनडीए से एक मात्र मुसलमान को किशनगंज से जदयू ने अपना उम्मीदवार बनाया है। उनकी गिनती भी अतिपिछड़ी जाति में होगी। पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति में सबसे अधिक अतिपिछड़ा समाज को प्रतिनिधित्व मिला है। 

दूसरे स्थान पर यादव समाज के पांच और कुशवाहा के तीन उम्मीदवारों इस गठबंधन ने उतारा है। सवर्णों में सबसे अधिक सात राजपूत समाज के उम्मीदवार हैं। भूमिहार समाज के तीन और दो ब्राह्मण उम्मीदवार मैदान में उतारे गये हैं। पटना साहिब से शत्रुघ्न   सिन्हा के बदले कायस्थ समाज से ही रविशंकर प्रसाद को मौका दिया गया है। भाजपा ने सबसे अधिक सवर्णों को सीट दी है। सवर्णों की कुल 13 सीटों में नौ सीटें भाजपा ने दी है। जदयू ने दो और लोजपा ने भी दो सीटें इस समाज को दी है। मात्र चार सीटों पर भाजपा ने पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति का उम्मीदवार दिया है। जदयू ने अपने खाते की 17 सीटों में 13 पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों को दी है। 

इसके अलावा सवर्ण समाज के दो और अनुसूचित जाति वर्ग के दो उम्मीदवारों को पार्टी ने मौका दिया है।  इसी तरह लोजपा ने अब तक घोषित अपनी पांच सीटों में दो सवर्णों के अलावा तीन सुरक्षित सीटों को अपने परिवार में ही रखा है। सुरक्षित तीन अन्य सीटों में दो जदयू और एक भाजपा के खाते में गई है।  

लोकसभा चुनाव 2019: बिहार के 17 सांसदों को फिर से टिकट

जातीय ब्रेकअप

सवर्ण: 13
राजपूत- 07
ब्राह्मण- 02
कायस्थ- 01
भूमिहार- 03
 
एससी: 06
पासवान - 04
रविदास - 01
मुसहर- 01
 
पिछड़ा/ ओबीसी: 12
यादव- 05
कुशवाहा- 03
वैश्य- 03
कुर्मी- 01
 
अति- पिछड़ा/ इबीसी: 07
धानुक- 01
केवट- 01
गंगेयी- 01
गोंसाई- 01
निषाद- 01
गंगोता- 01
चंद्रवंशी कहार- 01
मुस्लिम: 01

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