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बिहार में नरमी: शराब का धंधा करने पर अब दस की जगह पांच साल की होगी सजा

बिहार में शराब का धंधा करने वाले को मिलने वाली दस साल की सजा को कम कर पांच साल किया जाएगा। वहीं शराब पीते अथवा नशे की हालत में कोई पकड़ा जाता है तो उसे मिलने वाली न्यूनतम सजा को पांच साल से घटा कर तीन...

बिहार में नरमी: शराब का धंधा करने पर अब दस की जगह पांच साल की होगी सजा
पटना ’  हिन्दुस्तान ब्यूरो Sat, 21 Jul 2018 07:39 AM
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बिहार में शराब का धंधा करने वाले को मिलने वाली दस साल की सजा को कम कर पांच साल किया जाएगा। वहीं शराब पीते अथवा नशे की हालत में कोई पकड़ा जाता है तो उसे मिलने वाली न्यूनतम सजा को पांच साल से घटा कर तीन महीने किया जा सकता है। शराबबंदी संशोधन कानून (बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक, 2018) में कई मामलों में सजा को कम किया गया है। हालांकि कई में सजा जस-की-तस रखी गई है। 

शुक्रवार को मानसून सत्र के प्रारंभ होने पर विधानसभा में शराबबंदी कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक की प्रति वितरित की गई। सोमवार यानी 23 जुलाई को इस विधेयक पर सदन में चर्चा होगी और राज्य सरकार भी इस पर अपना जवाब देगी। इसके बाद विधान मंडल से इस विधेयक को पारित कराया जाएगा। फिर संशोधन कानून को लागू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी। 

परिवार के सभी सदस्य शब्द को हटाया गया
किसी परिवार द्वारा दखल किए गए स्थान अथवा मकान में कोई मादक द्रव्य अथवा शराब पाया जाता है या उपभोग किया जाता है तो 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले परिवार के सभी सदस्य को दोषी मानने वाले शब्द को नए कानून में हटा दिया गया है।  

सामूहिक जुर्माना समाप्त
संशोधन कानून में कई प्रावधानों को समाप्त किया गया है। सामूहिक रूप से जुर्माना लगाने के प्रावधान को समाप्त किया गया है। इस कानून के तहत कुख्यात अथवा आदतन अपराधियों को जिलाबदर के प्रावधान को समाप्त किया गया है। दोष सिद्ध होने के बाद फिर इस कानून के तहत दोष सिद्ध होता है, तो वह दोगुने दंड का भागी होगा। 

मृत्यु की सजा  
शराब में जहरीले पदार्थ को मिलाना अथवा मादक द्रव्य के सेवन से किसी की मृत्यु होती है तो इसे बनाने वाले को मृत्यु अथवा आजीवन कारावास होगा तथा न्यूनतम पांच लाख जुर्माना होगा। इसे दस लाख तक बढ़ाया जा सकेगा। यदि सेवन से कोई नि:शक्त हो जाता है अथवा गंभीर क्षति होती है तो दोषी को कम से कम दस साल की सजा होगी। इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकेगा तथा जुर्माना दो लाख न्यूनतम होगा, जिसे दस लाख तक बढ़ाया जा सकेगा। इसी प्रकार उत्पाद शुल्क लगाए जाने योग्य किसी पौधे की खेती की जाती है तो इसमें कानून के तहत दोषी पाये जाने पर दो साल की सजा होगी। इसमें यह भी साफ किया गया है कि दोषी दूसरी बार पकड़ा जाता है तो उसे दस साल की सजा होगी। 

पहले के कानून में क्या है, नये कानून में क्या होगा 
1. शराब का उपभोग करते हैं या नशे की हालत में पाये जाने पर : 
पहले : कम-से-कम पांच साल की जेल। इसे बढ़ाकर सात साल तक किया जा सकेगा और जुर्माना एक लाख होगा, जिसे बढ़ा कर दस लाख तक किया जा सकेगा। 
अब : पहली बार पकड़े जाने पर 50 हजार का जुर्माना अथवा तीन माह की जेल। दूसरी बार पकड़े जाने पर कम से कम एक साल की जेल, जिसे बढ़ा कर पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा। जुर्माने की राशि एक लाख तक बढ़ाई जा सकती है। यह अपराध जमानतीय होगा। 
2. शराब के नशे में उपद्रव अथवा हिंसा करते हैं, घर या परिसर में नशेड़ियों को जमा होने की अनुमति देते हैं : 
पहले : कम से कम दस साल की सजा, जिसे बढ़ा कर आजीवन किया जा सकेगा। जुर्माना कम से कम एक लाख होगा, जिसे बढ़ा कर दस लाख किया जा सकेगा। 
अब : कम-से-कम पांच साल की सजा, जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकेगा। जुर्माना कम-से-कम एक लाख, जिसे पांच लाख तक बढ़ाया जा सकेगा।  
3. शराब या मादक द्रव्य का अवैध निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, कब्जा आदि करने पर :
पहले : कम से कम दस साल की सजा, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकेगा और जुर्माना एक लाख होगा, जिसे दस लाख तक बढ़ाया जा सकेगा। 
अब : पहली बार पकड़े जाने पर पांच साल की सजा और कम से कम एक लाख जुर्माना। दूसरी बार पकड़े जाने पर दस साल की कठोर सजा और कम-से-कम पांच लाख का जुर्माना।


 

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