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Land for job case: तेजस्वी से ईडी ने की 8 घंटे तक पूछताछ; डिप्टी सीएम का दावा- कोई घोटाला नहीं हुआ

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को नौ घंटे तक पूछताछ की।

Malay Ojha हिन्दुस्तान, पटनाTue, 11 April 2023 10:45 PM
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जमीन के बदले नौकरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से करीब 9 घंटे तक पूछताछ की।   ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की एफआईआर के आधार पर उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था। तेजस्वी यादव करीब 10.45 बजे मध्य दिल्ली में संघीय एजेंसी के कार्यालय पहुंचे और वह रात करीब नौ बजे कार्यालय से निकले। इस दौरान उन्होंने एक घंटे का ब्रेक मिला था। पूछताछ के बाद जब तेजस्वी यादव ईडी ऑफिस से बाहर निकले तो उन्हें मीडिया ने घेर लिया। एक सवाल का जवाब देते हुए तेजस्वी ने कहा कि अभी चुनाव का समय है और ये सब चलता रहेगा। उनका एक ही सवाल हर बार रहता है कि घोटाला हुआ है या नहीं और मैं भी हर बार जवाब देता हूं कि कोई घोटाला नहीं हुआ है।

ईडी ने तेजस्वी यादव से दो दौर में पूछताछ की। दोपहर को भोजन से पहले उनसे करीब तीन घंटे सवाल-जवाब किए गए। जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी से उनकी आमदनी और परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। जमीन के बदले नौकरी  मामले में ईडी तेजस्वी यादव की बहन और राज्यसभा सांसद मीसा भारती से भी पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने 25 मार्च मीसा भारती से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी। इसी दिन सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में तेजस्वी यादव से आठ घंटे पूछताछ की थी। जांच एजेंसी कई दूसरे लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

दरअसल, इस मामले में शुरुआत में तेजस्वी यादव का नाम नहीं था। पर जांच का दायरा बढ़ने पर राजधानी दिल्ली में न्यू फ्रैंडस कॉलोनी के बंगले का जिक्र आया। बाद में पता चला कि यह बंगला एक निजी कंपनी के नाम पर रजिस्ट्रर्ड है। जिसके मालिक तेजस्वी यादव और उनकी बहन है। वर्ष 2015 तक तेजस्वी यादव इस कंपनी में डायरेक्टर थे। इसकी कीमत 150 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। ईडी ने इस मामले में भी पूछताछ की है।

क्या है जमीन के बदले नौकरी मामला
राजद सुप्रीमों लालू यादव वर्ष 2004 से 2009 तक यूपीए एक सरकार में रेल मंत्री थे। कथित आरोप है कि उस वक्त रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले जमीन ली गई थी। जांच एजेंसियों का दावा है कि लाखो करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदा गया था। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबडी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव सहित कई लोगों को आरोपी बनाया है। बाद में जांच का दायरा बढ़ गया।

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