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Lok Sabha Elections 2019- लालू की कैद, उम्मीदवारों पर आफत

चारा घोटाले के एक मामले में रांची की होटवार जेल में बंद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के दुर्दिन से उनके प्रत्याशी भी शुक्रवार को संकट में घिरते दिखे। जदयू ने जेल से उनके द्वारा बांटे गये...

Lok Sabha Elections 2019- लालू की कैद, उम्मीदवारों पर आफत
पटना । स्मार्ट रिपोर्टरSat, 20 Apr 2019 12:24 AM
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चारा घोटाले के एक मामले में रांची की होटवार जेल में बंद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के दुर्दिन से उनके प्रत्याशी भी शुक्रवार को संकट में घिरते दिखे। जदयू ने जेल से उनके द्वारा बांटे गये टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे राजद के 19 लड़ाकों की उम्मीदवारी ही अवैध घोषित करने की मांग कर दी। यह मांग जदयू के विधान पार्षद व प्रवक्ता नीरज कुमार ने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजकर की है। 

शुक्रवार को उनके इस पत्र से राजनीतिक हलकों में बयानों के बाण दिनभर पक्ष-विपक्ष की तरफ से चलते रहे। केवल सिम्बल बांटे जाने को लेकर ही नहीं बल्कि लालू यादव द्वारा जेल से राजनीतिक गतिविधियां संचालित करने और ट्वीटर पर उनके मत जाहिर करने की शिकायत भी चुनाव आयोग से की गई है। 

बहरहाल, जदयू के विधान पार्षद व प्रवक्ता नीरज कुमार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मांग की है कि भ्रष्टाचार के मामले में सजा काट रहे राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा बांटे गए टिकट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का नामांकन अवैध घोषित किया जाय। शुक्रवार को उन्होंने चुनाव आयोग को भेजा पत्र मीडिया में जारी किया। 

जदयू एमएलसी ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। जब जमानत याचिका के वकालतनामे पर भी लालू यादव को जेल अधीक्षक के हस्ताक्षर लेने पड़ते हैं, तो यह देखना लाजिमी है कि उन्होंने इसके लिए कोई आदेश लिया कि नहीं। श्री नीरज ने पत्र में कहा है कि लालू एक पार्टी के अध्यक्ष भी हैं और लोकसभा चुनाव में अपने हस्ताक्षर से ही टिकट भी बांटे हैं। क्या टिकट बांटने में उन्होंने हस्ताक्षर के लिए अदालत से आदेश लिया है? अगर नहीं तो उनके द्वारा बांटे गए टिकट पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नामांकन को अवैध घोषित किया जाना चाहिए। जदयू एमएलसी ने आगे कहा कि जेल मैन्युअल के मुताबिक मुलाकात के दौरान राजनीतिक बातें नहीं करनी हंै परंतु केवल राजनीतिक हस्तियों से मिलना स्पष्ट करता है कि राजनीतिक उद्देश्य से ही ऐसे लोगों से मुलाकात की गयी है। 

लालू प्रसाद एक सजायाफ्ता कैदी हैं।  वह एक आपराधिक मामले में दोषसिद्ध अपराधी हैं, ना कि किसी जन आंदोलन के नेता। लालू प्रसाद लगातार सोशल मीडिया पर भी अपने विचार व्यक्त करते हैं, जिससे चुनाव प्रभावित किया जा रहा है। 
- नीरज कुमार, प्रवक्ता, जदयू

जदयू, भाजपा और एनडीए का जनाधार खिसक गया है। इसको देखकर ये लोग नया एजेंडा सामने ला रहे हैं। इनके कई दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ये लोग महागठबंधन के प्रति जनसमर्थन देख जो कुचक्र रचना चाहते हैं उसमें दम नहीं है। 
-शिवचन्द्र राम, राजद प्रत्याशी, हाजीपुर    

बिहार निर्वाचन आयोग ने विवाद से पल्ला झाड़ा
राजद में टिकट बंटवारे पर उठे विवाद में बिहार निर्वाचन आयोग ने पल्ला झाड़ लिया है। मुख्य अपर निर्वाचन पदाधिकारी संजय सिंह ने पूछे जाने पर मीडिया को बताया कि जहां तक प्रावधानों का प्रश्न है, जितने उपलब्ध दिशानिर्देश हैं उनके मुताबिक ऐसा करने की मनाही नहीं है। उन्होंने कहा, संबंधित मामले में जितने भी प्रत्याशियों के फार्म ए और बी चुनाव आयोग के पास आए हैं, सभी संबंधित जेल अधीक्षक द्वारा प्रमाणित हैं। इस संबंध में नाम न छापने की शर्त पर अदालत के एक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि जेल से अग्रसारित किए गए कागजात पर बंदी के अंगूठे का निशान ही मान्य होता है। विशेष परिस्थिति में हस्ताक्षर तभी मान्य होगा जब एसडीएम के सामने यह हस्ताक्षर करवाया गया हो।

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