ललन सिंह ने पीएम मोदी से फिर की ये मांग, कहा- सीएम नीतीश के नेतृत्व में अपने दम पर बढ़ रहा बिहार लेकिन....
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करके पीएम नरेंद्र मोदी से इसपर...

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जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करके पीएम नरेंद्र मोदी से इसपर ध्यान देने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के बिना राज्य का पिछड़ापन दूर नहीं होगा।
ललन सिंह ने कहा, 'बंटवारे के बाद बिहार के पास कोई खनिज संपदा नहीं बचा, हर वर्ष बाढ़-सुखाड़ व आपदाओं पर हजारों करोड़ खर्च होता है। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में अपने दम बिहार बढ़ तो रहा है, पर #विशेष_राज्य के बिना पिछड़ापन दूर नहीं होगा।' अपने ट्वीट के साथ उन्होंने #देश_के_प्रधान_बिहार_पर_दें_ध्यान हैशटैग का इस्तेमाल किया है।
बंटवारा के बाद बिहार के पास कोई खनिज संपदा नहीं बचा, हर वर्ष बाढ़-सुखाड़ व आपदाओं पर हज़ारों करोड़ खर्च होता है। मा. मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी के नेतृत्व में अपने दम बिहार बढ़ तो रहा है, पर #विशेष_राज्य के बिना पिछड़ापन दूर नहीं होगा।#देश_के_प्रधान_बिहार_पर_दें_ध्यान 🙏 pic.twitter.com/5tTRCWa7rF
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) January 27, 2022
केंद्र सरकार से न्याय चाहिए
इससे पहले ललन सिंह ने बुधवार को एक वीडियो ट्वीट करते हुए बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की थी। उन्होंने लिखा था, 'भीख नहीं न कर्जा चाहिए, #विशेष_राज्य का दर्जा चाहिए। नहीं मिला है न्याय अभी तक, केंद्र सरकार से न्याय चाहिए।' इसके साथ भी उन्होंने #देश_के_प्रधान_बिहार_पर_दें_ध्यान हैशटैग का इस्तेमाल किया था।
बिहार बीजेपी ने खारिद की थी जदयू की मांग
काफी समय से जदयू बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है। पिछले दिनों से पार्टी इस मांग पर काफी आक्रामक रुख अपनाए हुए है। इसका कारण सहयोगी बीजेपी का मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालना माना जा रहा है। पिछले हफ्ते बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. सजय जायसवाल ने जदयू की इस मांग को यह दावा करते हुए खारिज कर दिया था कि बिहार को मिलने वाली केंद्रीय सहायता महाराष्ट्र जैसे अधिक आबादी वाले प्रांत से अधिक है।