विदेशों से नकली नोट पहुंच रहा नेपाल के काठमांडू, एजेंसियां सतर्क
नकली नोटों के तस्कर नेपाल में अपना ठिकाना बनाते जा रहे हैं। भारतीय नकली नोटों की खेप विदेशों से नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचाई जा रही है। हाल में ही एक बड़ी खेप वहां पहुंची है। इस रैकेट के पीछे...
नकली नोटों के तस्कर नेपाल में अपना ठिकाना बनाते जा रहे हैं। भारतीय नकली नोटों की खेप विदेशों से नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचाई जा रही है। हाल में ही एक बड़ी खेप वहां पहुंची है। इस रैकेट के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। नेपाल में मौजूद अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर वह नकली नोटों की खेप भारत भेजने में लगा है।
खुद को छुपाने के लिए दूसरे देशों का इस्तेमाल
आईएसआई अपनी सरपरस्ती में भारतीय नकली नोटों की छपाई पाकिस्तान में करता है। इसके लिए वह सरकारी प्रेस का भी इस्तेमाल करता है। भारत में नकली नोटों की तस्करी के दो प्रमुख रूट हैं। नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते यह काम होता है। आईएसआई पाकिस्तान से पहले इन नोटों को दोहा, दुबई, थाईलैंड जैसे जगहों पर भेजता है। इसके बाद वहां से नेपाल पहुंचाया जाता है। ऐसा इसलिए ताकि पाकिस्तनी खुफिया एजेंसी का नाम सामने नहीं आए।
काठमांडू में पिछले साल पकड़ी गई थी खेप
2019 में काठमांठू हवाई अड्डे पर भारतीय नकली नोटों की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी। करीब चार करोड़ के नकली नोट लेने आए नेपाल के पूर्व मंत्री का बेटा भी गिरफ्तार हुआ था। लम्बे अर्से बाद काठमांडू में नकली नोटों की यह खेप बरामद हुई थी। बताया जाता है कि इसे पकड़वाने में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने अहम भूमिका निभाई। उसी वक्त से खुफिया एजेंसियां नेपाल पर नजर रख रही हैं। सूत्रों के मुताबिक हाल में ही खुफिया एजेंसियों को नकली नोटों की नई खेप नेपाल पहुंचने की खबर मिली है। इसके बाद अन्य एजेंसियां भी चौकन्नी हो गई हैं।
भारत में खपाने में दाऊद इब्राहिम की मदद
नकली नोटों को भारत में खापने के पीछे आईएसआई देश के मोस्टवांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम की मदद लेता है। नेपाल में आईएसआई की पैठ बनाने में दाऊद ने अहम भूमिका निभाई है। नेपाल में मौजूद उसके गुर्गे आईएसआई के लिए काम करते हैं। नकली नोटों की खेप उन्हीं के पास भेजी जाती है। इसके बाद भारत-नेपाल की सीमा पर मौजूद तस्करों तक इसे पहुंचाया जाता है। पिछले दिनों डीआरआई ने पूर्णिया में नकली नोटों के साथ मुमताज नामक तस्कर को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद यह बात भी सामने आई थी कि नेपाल और बांग्लादेश के तस्करों ने हाथ मिला लिया है। दोनों एक- दूसरे के नेटवर्क का इस्तेमाल कर भारत में नकली नोट भेजने की फिराक में लगे रहते हैं।