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जहानाबाद : बंदी की मौत के बाद बवाल, भगदड़ में वाहन से कुचल महिला हवलदार की गई जान

जहानाबाद जिले के परसविगहा थाना क्षेत्र का नेहालपुर मोड़ शनिवार को पांच घंटे तक रणक्षेत्र में तब्दील रहा। औरंगाबाद के दाउदनगर जेल में जहानाबाद के परसविगहा थानान्तर्गत सरता गांव के निवासी महादलित परिवार...

जहानाबाद : बंदी की मौत के बाद बवाल, भगदड़ में वाहन से कुचल महिला हवलदार की गई जान
जहानाबाद हिन्दुस्तान टीमSat, 24 Jul 2021 03:44 PM
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जहानाबाद जिले के परसविगहा थाना क्षेत्र का नेहालपुर मोड़ शनिवार को पांच घंटे तक रणक्षेत्र में तब्दील रहा। औरंगाबाद के दाउदनगर जेल में जहानाबाद के परसविगहा थानान्तर्गत सरता गांव के निवासी महादलित परिवार के एक युवक की न्यायिक हिरासत में मौत के बाद भड़के लोगों ने जमकर बवाल मचाया। 

उग्र भीड़ ने जहानाबाद- अरवल सड़क मार्ग एनएच - 110 नेहालपुर मोड़ पर आगजनी कर हिंसक प्रदर्शन किया। पुलिस पर पथराव कर उनके वाहनों के शीशे तोड़े। पथराव और भगदड़ के दौरान एक महिला हवलदार की वाहन से कुचलकर जान चली गयी, जबकि भीड़ के हमले में बीएमपी और सैप बल के एक दर्जन जवान घायल हो गए। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तीन चक्र हवाई फायरिंग करनी पड़ी। हालांकि एसपी दीपक रंजन ने फायरिंग मामले की जांच करने की बात कही है। मृत महिला हवलदार कांति देवी (48 वर्ष) पटना जिला के नौबतपुर थाना के आदमपुर गांव की निवासी थीं। भीड़ के हमले में घायल पुलिस जवान सूरज कुमार, संजय और गुलशन कुमार का इलाज जहानाबाद सदर अस्पताल में कराया गया। अन्य घायल जवानों का इलाज आसपास के प्राइवेट क्लीनिक में कराया गया।

19 जुलाई को शराब मामले में हुई थी गिरफ्तारी

बताया गया है कि शराब के मामले में 19 जुलाई को परसविगहा थाने की पुलिस ने सरता गांव के महादलित टोले में छापेमारी कर 23 वर्षीय गोविंद मांझी नामक युवक को गिरफ्तार किया था। कानूनी प्रक्रिया के तहत मेडिकल जांच के बाद उसे औरंगाबाद के दाउदनगर जेल में भेजा गया था, जहां किसी कारण वश उसकी मौत हो गई। मौत के कारण की जांच की जा रही है। शुक्रवार की देर शाम इसकी जानकारी सरता गांव के निवासी मृतक के परिजनों एवं महादलित टोले के अन्य लोगों को हुई। शनिवार की सुबह करीब सात बजे लाठी-डंडे के साथ महादलित परिवार के पुरुष, महिलाएं, बच्चे और बच्चियों के अलावा बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ नेहालपुर के पास एनएच 110 पर जुट गई। सड़क जाम कर हाइवे पर टायर जलाकर आगजनी की गई। पुलिस के खिलाफ लोग नारे लगा रहे थे। जाम में शामिल लोग मृतक के परिजन को 25 लाख रुपए मुआवजा और एक परिवार को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे।

सबसे पहले झूनाठी पिकेट की पुलिस पर किया हमला

जाम और प्रदर्शन की सूचना पाकर सबसे पहले झूनाठी पुलिस पिकेट के प्रभारी अशोक कुमार सशस्त्र बलों के साथ वहां पहुंचे,  जिन्हें आक्रोशितो ने खदेड़ दिया और पुलिस के साथ मारपीट की। इसके बाद परस विगहा और शकूराबाद थाने की पुलिस पार्टी जब वहां पहुंची तो उन पर भी भीड़ टूट पड़ी। परसबिगहा के थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार ने भगदड़ के दौरान एक कमरे में छुप कर अपनी जान बचाई। फिर एसडीपीओ अशोक कुमार पांडेय, वतौर दंडाधिकारी एडीएम, रतनी के सीओ कौशल्या कुमारी समेत अन्य कई पुलिसकर्मी भीड़ को समझाने जाम स्थल पर पहुंचे लेकिन लोग नहीं माने। उग्र होकर मामले को हिंसक बना दिया। पथराव शुरू कर दिया। एसडीपीओ एवं अन्य पुलिस गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। पुलिस पर जानलेवा हमला कर दिया।

लाल झंडे लिए लोग भी थे शामिल

सड़क जाम व प्रदर्शन में कुछ लोग लाल झंडे भी थामे हुए थे। भगदड़ के दौरान करीब आधा किलोमीटर तक भीड़ ने पुलिस बलों को खदेड़ दिया। इसी भगदड़ के बीच में उक्त महिला हवलदार अपनी जान बचाने के लिए भाग रही थी। उसी दौरान किसी वाहन से कुचल जाने के कारण घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा तीन चक्र हवाई फायरिंग किए जाने की सूचना है। मामले में एक मुखिया के पति और तीन महिलाएं समेत पांच लोगों की अभी गिरफ्तारी की गई है। अन्य को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।

न्यायिक हिरासत में बंदी की मौत के बाद प्रदर्शन में शामिल असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पर पथराव और हमले में एक दर्जन जवान घायल हुए हैं। और भी पुलिसकर्मियीं के घायल होने की सूचना है।
- दीपक रंजन, एसपी 

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