जीविका दीदी का बढ़ रहा काम, अस्पताल में सफाई और बेड-कपड़ों की धुलाई, स्कूल ड्रेस की सिलाई भी
इतना ही नहीं महिलाओं का यह समूह अंबेडकर विद्यालय के छात्रों के लिए यूनिफॉर्म सिलने का भी काम करेंगी। बता दें कि यह स्कूल SC /ST समुदाय के छात्रों के लिए है। जीविका दीदी का काम अब काफी बढ़ रहा है।
बिहार में जीविका दीदी इस महीने से बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगी। बता दें कि जीविका महिलाओं की एक स्वयं सहायता समूह है। जीविका दीदी अस्पतालों में पहले से पैंट्री का काम संभाल रही हैं। अब वो जिला अस्पताल और चार सब-डिवीजनल अस्पतालों में लॉन्ड्री और साफ-सफाई का काम भी संभालेंगी। रविवार को जीविका से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 18 अगस्त से अस्पतालों की यह दोनों जिम्मेदारियां भी जीविका दीदी की ही होगी।
इतना ही नहीं महिलाओं का यह समूह अंबेडकर विद्यालय के छात्रों के लिए यूनिफॉर्म सिलने का भी काम करेंगी। बता दें कि यह स्कूल SC /ST समुदाय के छात्रों के लिए है। अधिकारियों ने कहा कि पटना जिले के नौबतपुर, गायघाट और पुनपुन में तीन अंबेडकर विद्यालय हैं। इनमें करीब 1,500 छात्र पढ़ते हैं।
जीविका के मैनेजर (नॉन फार्म), बिपिन कुमार ने कहा, 'हमें आशा है कि हम 15 अगस्त से लॉन्ड्रिंग का काम पटना सिटी स्थित गुरु गोबिंद सिंह जिला अस्पताल में शुरू कर देंगे। इसके अलावा पाली, मसौढ़ी, दानापुर और बाढ़ में स्थित चार सब-डिविजनल अस्पतालों में 18 अगस्त से काम शुरू होगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'हम Patna Medical College Hospital (PMCH) और Nalanda Medical College Hospital (NMCH) में भी इसी महीने से सेवा शुरू करने के इच्छुक हैं। हालांकि, इसके PMCH में सेवा शुरू करने के लिए 300 लोग और NMCH के लिए 200 लोगों की जरुरत पड़ेगी और इसमें कुछ समय लग सकता है।'
आपको बता दें कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मौजूदा समय में लॉन्ड्रिंग और साफ-सफाई का काम प्राइवेट वेंडर के जरिए कराया जाता है। इसी साल स्वास्थ्य विभाग ने जीविका दीदी के साथ एक एग्रीमेंट पर साइन किया ता जिसमें अस्पतालों में बेड की धुलाई और साफ-सफाई जैसे अहम काम को इनके हवाले किए जाने की बात थी। लेकिन अप्रैल और जून में लोकसभा चुनावों की वजह से जीविका दीदी को काम शुरू करने में थोड़ा वक्त लगा।
स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और राज्य के सभी सब-डिवीजनल अस्पतालों में पैंट्री का काम जीविका दीदी को दिया था। एग्रीमेंट के मुताबिक, जीविता दीदी हर दिन तीन समय का खाना मुफ्त में देती हैं। मुफ्त में खाना मरीजों को दिया जाता है, जबकि उनके अटेंडेंट, चिकित्सकों और अस्पताल कर्मियों को बेहद ही कम पैसे में जीविका दीदी खाना उपलब्ध कराती हैं। यह खाना भी हाईजैनिक और उच्च गुवणवत्ता वाला होता है।