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जन्माष्टमी: लड्डू गोपाल के स्वागत में जुट गया पटना, बाजार में छाने लगी रौनक

बाजार जन्माष्टमी के रंग से सराबोर हो चुका है। बाजार में लड्डू गोपाल की प्रतिमाएं सज गई हैं। इसके अलावा गोपाल का झूला, आसन, कपड़े और शृंगार के सामान से बाजार पट गया है। ठाकुरबाड़ी रोड, कदमकुआं, बोरिंग...

जन्माष्टमी: लड्डू गोपाल के स्वागत में जुट गया पटना, बाजार में छाने लगी रौनक
पटना, हिन्दुस्तान टीमSun, 09 Aug 2020 09:06 PM
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बाजार जन्माष्टमी के रंग से सराबोर हो चुका है। बाजार में लड्डू गोपाल की प्रतिमाएं सज गई हैं। इसके अलावा गोपाल का झूला, आसन, कपड़े और शृंगार के सामान से बाजार पट गया है। ठाकुरबाड़ी रोड, कदमकुआं, बोरिंग रोड, कंकड़बाग इलाके में फुटपाथ पर भी जन्माष्टमी का बाजार सज गया है। हनुमान नगर, अशोक नगर, महात्मा गांधी नगर, राजेन्द्र नगर आदि इलाकों में ठेले पर जन्माष्टमी बाजार सजा गया है। बाजार में सामान की खरीदारी में तेजी आने लगी है। प्रस्तुत है रिपोर्ट।

सज गए हैं प्रतिमा और झूले 
लड्डू गोपाल और राधा रानी की प्रतिमाओं से बाजार सज गये हैं। कृष्ण के विभिन्न बाल रूपों को लोग बड़े चाव से निहार रहे हैं और खरीदारी भी कर रहे हैं। कृष्ण के बांसुरी बजाते, पालना में बैठे, माखन खाते कान्हा की प्रतिमा, बालरूप में बांसुरी की तान वाली मुद्रा, मोरपंख धारण किए, नींद में सोते मुद्रा वाली मूर्तियों को लोग पसंद कर रहे हैं। बाजार में लड्डू गोपाल और राधा कृष्ण की प्रतिमाएं कई रेंज में मौजूद हैं। चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का असर जन्माष्टमी बाजार में भी देखने को मिल रहा है। बाजार में ज्यादातर प्रतिमाएं और सजावटी सामान स्वदेशी है। बाजार में मौजूद मूर्तियां जिनकी कीमत डेढ़ सौ रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक के बीच है उनकी बिक्री ज्यादा है। हालांकि, बाजार में साढ़े तीन हजार रुपये तक की प्रतिमा उपलब्ध है। इस बार कई तरह के झूले भी बाजार में शोभा बढ़ा रहे हैं। लकड़ी से लेकर पीतल और चांदी तक के झूले बाजार में बिक रहे हैं। पटना में दो सौ रुपये से लेकर छह हजार रुपये तक के झूले बाजार में मौजूद हैं। कुछ झूलों में बैट्रियां भी लगी हुई हैं। इन्हें झूलाने के लिए रस्सी खींचने की नहीं बल्कि स्विच दबाने की जरूरत है। 

सजावट के सामान की भी मांग 
बाजार में बाल कृष्ण के सजावट से जुड़ी सामान की भी बिक्री हो रही है। मूर्तियों और झूलों के अलावा कन्हैया को पहनाने वाला मुकुट, बांसुरी, माला, बाजूबंद आदि की अलग से बिक्री हो रही है। यह सब 10 रुपये से लेकर डेढ़ सौ रुपये के बीच में बिक रहे हैं। अलग-अलग रेंज में यह सभी मौजूद हैं। इसके अलावा कृष्ण भगवान के माथे पर सजने वाला मोर पंख 10 रुपये से लेकर 30 रुपये के बीच, कान्हा की पोशाक 30 रुपये से लेकर ढाई सौ रुपये तक उपलब्ध है। झूला पर रखने के लिए बिछावन, गद्दी और तकिया भी लोग खरीद रहे हैं। घर की मंदिरों के सजावट के सामान भी लोग ले रहे हैं। कान्हा के लिए तरह-तरह की पगड़ियों की भी रेंज बाजार में है। इसमें राजस्थानी, मारवाड़ी, गुजराती पगड़ी शामिल है। इसके अलावा मोर मुकुट वाली पगड़ी भी लोगों को पसंद आ रही है। 

घर पर ही रहेंगे कान्हा
कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर छोटे बच्चों को कान्हा और बच्चियों को राधा बनाने का चलन रहा है। जन्माष्टमी के मौके पर मंदिरों में और बाजारों में कान्हा और राधा के दर्शन होते रहे हैं। लेकिन इस बार कोरोना इफेक्ट के कारण मंदिर बंद रहेंगे और सड़कों पर कान्हा और राधा कम ही दिखेंगे। जन्माष्टमी कान्हा ड्रेस साढ़े तीन सौ रुपये से लेकर सात सौ रुपये के बीच बिक रहा है।

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