कंकाल पर कोहराम : शवदाह स्थल पर हड्डियों और नरमुंड के टुकड़ों को गिनना मुश्किल
बिहार के मुजफ्फरपुर में कंकाल पर मचे कोहराम के बीच मंगलवार को जिला प्रशासन की तीन सदस्यीय टीम में जांच के लिए एसकेएमसीएच परिसर में उस स्थल पर पहुंची जहां पिछले दिनों नरमुंड और हड्डियां...
बिहार के मुजफ्फरपुर में कंकाल पर मचे कोहराम के बीच मंगलवार को जिला प्रशासन की तीन सदस्यीय टीम में जांच के लिए एसकेएमसीएच परिसर में उस स्थल पर पहुंची जहां पिछले दिनों नरमुंड और हड्डियां मिलने से सनसनी फैल गई थी। एसकेएमसीएच परिसर में वन विभाग के पौधशाला के समीप शवदाह स्थल पर बिखरीं पड़ीं हड्डियों व नरमुंड के टुकड़ों को गिनना टीम के लिए मुश्किल हो गया। लगभग 10 मिनट के मुआयने के बाद टीम लौट गई। इससे पहले जांच टीम ने एसकेमएसीएच में संबंधित अधिकारियों, कर्मियों व पुलिस से भी पूछताछ की।
दोपहर 12 बजे के करीब डीडीसी उज्ज्वल कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम शवदाह स्थल पर पहुंची। आसपास की स्थिति का जायजा लिया। सदस्यों ने घूम-घूमकर छानबीन की। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराई गई। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट डीएम को सौंपी जानी है। उसी आधार पर दोषियों पर कार्रवाई तय होनी है। जांच के दौरान डीडीसी के साथ सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह व एकेएमसीएच के प्राचार्य विकास कुमार भी साथ में थे। इसके अलावा अहियापुर थाने के थानेदार सोना प्रसाद सिंह भी मौके पर मौजूद थे।
सभी हड्डियों को बटोर कराएंगे जांच :
डीडीएसी ने बताया कि प्रथम दृष्टया में यह जगह श्मशान जैसा दिखती है। लगता है जैसे कई वर्षों से यहां शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। कई गड्ढे दिखे। उनमें कपड़ों का टुकड़ा भी है। दर्जनों नरमुंड या उनके टुकड़े व हड्डियां इधर-उधर पड़ीं हैं जो कई साल पुरानी लगती हैं। शवदाह स्थल पर पड़ीं हड्डियों की जांच करायी जाएगी। हड्डियां और नरमुंड या उनके टुकड़ों की संख्या अधिक हैं। कई टुकड़े अति छोटे है। सबकों गिनना मुश्किल है। तीन दिनों में जांच पूरी करनी है।
तेजी से हो रही जांच :
डीडीसी ने कहा कि मामले की जांच तेजी से होगी। क्या सही है क्या गलत है, इसकी रिपोर्ट समय पर डीएम को सौंपेंगे। किस परिस्थति में अज्ञात शवों का दाह संस्कार एसकेएमसीएच परिसर में हो रहा है, इसे भी देखा जा रहा है। कौन दोषी है, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है।
एसकेएमसीएच की टीम भी कर रही जांच :
मुजफ्फरपुर । एसकेएमसीएच प्रबंधन भी अपने स्तर से एक जांच टीम बनाकर मामले की जांच करा रहा है। प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने बताया कि लावारिस शव जलाने मामले को लेकर कमेटी जांच कर रही है। यह देखा जा रहा है कि शव जलाने के लिए अधीक्षक कार्यालय से कितनी राशि पुलिस को दी गयी। एफएमटी विभाग मापदंड के अनुसार लावारिस शवों का रिकॉर्ड रखता है। सभी स्तर पर जांच पूरी कर रिपोर्ट बनेगी।
अधीक्षक ने पैसों का उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा:
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने बताया कि पुलिस को चेक दिया गया था। जब भी कोई लवारिस लाश आती है उसके एवज में पुलिस को बैंक चेक के जरिए दाह संस्कार की राशि दी जाती है। पूर्व में जो राशि तकरीबन 38 हजार दी गई थी उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र देने को कहा गया है।