उपमुख्यमंत्री सह पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि उद्योग सरकार की प्राथमिकता में हैं। फोकस इस पर है कि कैसे राज्य में उद्योग-धंधे स्थापित हों। युवाओं को रोजगार मिले। वह परिवेश भवन में औद्योगिक इकाई संचालन के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा दी जाने वाली सहमति के स्व: नवीनीकरण प्रक्रिया के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्वत: नवीनीकरण की सुविधा मिलने से सरकार की राज्य में नए निवेश आमंत्रित करने के संकल्प को बल मिलेगा। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद उद्यमियों और दूसरे हितधारकों के लिए मित्र की भूमिका में दिखे। विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि उद्योगों को अधिकाधिक सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। कोशिश है कि उद्यमियों को पर्षद के दफ्तर का चक्कर न काटना पड़े। पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भी सरकार काफी जागरूक है। पर्षद इस दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रहा है।
सुविधा देने वाला बिहार पहला राज्य: घोष
पर्षद के अध्यक्ष एके घोष ने कहा कि उद्योगों को स्थापना और संचालन की सहमति देने की प्रक्रिया पहले से ही ऑनलाइन है। अब सहमति का नवीनीकरण उद्यमी घर बैठे ही तत्काल करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह सुविधा देने वाला बिहार पहला राज्य है। पर्षद के सदस्य सचिव एस. चंद्रेशेखर ने प्रजेंटेशन के जरिए सारे कार्यों का ब्योरा रखा।
अभी तक जटिल थी प्रक्रिया
राज्य में किसी भी औद्योगिक इकाई की स्थापना से पहले प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से स्थापना और संचालन की सहमति लेनी होती है। इसके लिए उद्यमियों को पर्षद के ऑनलाइन सहमति प्रबंधन पोर्टल पर आवेदन करना पड़ता है। इसका निर्धारित शुल्क भी लगता है। मानक पूरा करने वाली इकाइयों को सहमति प्रदान की जाती है। संचालन के लिए दी जाने वाली सहमति पांच साल के लिए होती है। उसके बाद इसका नवीनीकरण कराना होता है। वर्तमान में नवीनीकरण के लिए किए जाने वाले ऑनलाइन आवेदन को विभिन्न स्तरों पर अनुमोदन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। मगर अब ऐसा नहीं होगा।