इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के पीछे जुड़ी कड़ियों को जोड़ने के लिए पुलिस बेचैन है। हत्या के पीछे टेंडर व पैसे के लेनदेन का विवाद, पुरानी रंजिश व बढ़ती लोकप्रियता रही है या कोई और गहरी साजिश। यह जानने के लिए पुलिस उन खास करीबियों पर अंदरखाने शिकंजा कसने की कोशिश में है, जो इंडिगो मैनेजर के गुडबुक में रहे हैं। इसमें कुछ सफेदपोश, कारोबारी, ठेकेदार व कुछ बड़े अफसर शामिल बताये जा रहे हैं। इसके पीछे पुलिस का मकसद हत्या के पीछे रहे कारणों का पता लगाना है। इनके जरिये पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि हत्या के लिए कांट्रैक्ट किलरों से किसने सौदा तय किया।
पुलिस की 6 टीमों को सौंपा गया जिम्मा
दरअसल, इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या से हर कोई हिल उठा है। सीएम के अल्टीमेटम से पुलिस अफसरों की नींद उड़ी हुई है। एसआईटी, सीआईडी, एसटीएफ के साथ पुलिस की करीब 40 टीमें फरार शूटरों को धर-दबोचने तथा हत्याकांड के कारणों की जांच में जुटी हैं। डीजीपी, एडीजी, आईजी, एसएसपी जहां इस मामले की मॉनिटिरंग कर रहे हैं। वहीं एसपी रूरल से लेकर डीएसपी तक पुलिस की अलग-अलग टीमों का नेतृत्व कर रहे हैं। इंडिगो मैनेजर के खास रहे लोगों की अलग-अलग सूची तैयार कर पुलिस की 6 टीमें अंदरखाने उन लोगों से उन बातों को जानने में जुटी हैं, जिससे हत्या की वजह और साजिशकर्ता का सुराग मिल सके।
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सूत्रों की मानें तो जांच में पुलिस को कुछ लिंक मिला है, जिसके जरिये डीजीपी ने माना है कि कांट्रैक्ट किलरों ने ही हत्या की। यही वजह है कि पुलिस अब उस चेहरे को बेनकाब करना चाह रही है जिसने हत्या की गहरी साजिश रची और शूटरों को हॉयर किया।
इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर की हत्या हुए रविवार को पांच दिन बीत गये। यानी 120 घंटे से अधिक का वक्त गुजर जाने के बावजूद पुलिस जांच का जुमला दोहराने तथा अलग-अलग जगहों पर छापेमारी करने तक ही सीमित है। शक के आधार पर शनिवार को राजाबाजार और पुनाईचक से जिन नौ संदिग्धों को उठाया गया था, रविवार की देर शाम तक वह पुलिस के शिकंजे में थे।