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दिल्ली कोचिंग हादसा: जान गंवाने वाली औरंगाबाद की तान्या के परिजनों ने की CBI जांच की मांग

दिल्ली की कोचिंग में हुए हादसे में तीन अभ्यर्थियों ने अपनी जान गवाई। इसमें बिहार के औरंगाबाद की तान्या भी थीं। तान्या के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके।

दिल्ली कोचिंग हादसा: जान गंवाने वाली औरंगाबाद की तान्या के परिजनों ने की CBI जांच की मांग
Ratan Gupta प्रसून के मिश्रा, हिन्दुस्तान टाइम्स, औरंगाबादTue, 30 July 2024 12:21 PM
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यूपीएससी की तैयारी कर रहीं तान्या सोनी के परिवार ने राजेंद्र नगर दुर्घटना के लिए सीबीआई जांच की मांग की है। इसमें उन अधिकारियों की भी जांच शामिल है जिन्होंने सुरक्षा मानकों का उलंघन कर अनुमती दी थी। तान्या के चाचा सुनील कुमार ही उसके शव को दिल्ली से उनके पैतृक स्थान  बिहार के औरंगाबाद जिला में लेकर आए थे। उन्होंने इस दुखद घटना के पीछे कोचिंग संचालकों को पूरी तरह जिम्मेदार बताया है। तान्या के साथ दो अन्य अभ्यर्थियों की दुखद मौत शनिवार शाम कोचिंग सेंटर के तलघर में पानी भरने से हो गई थी। यह सेंटर दिल्ली के करोल बाग में है। देर शाम जब छात्र लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे, तभी पानी भरने से ये हादसा हुआ था। 

हर कोई इस बात को जानता है कि 10 मिनट भी तेज बारिश होने पर पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है। कोचिंग संचालक भी इस बात को मानते हैं कि यहां जल निकासी की अच्छी व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा यहां जितने भी छात्र दाखिला लेते हैं उनमें से सभी के रहने के लिए पर्याप्त और उचित व्यवस्था नहीं है। इसी कारण तीन होनहार बच्चों की जान चली गई। हम इन यूपीएससी कोचिंग संस्थानों की फीस की सरंचना की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। ताकि जिन तीन मेधावी छात्रों ने इस हादसे में अपनी जान गवाई है उन्हें और उनके परिवार वालों को न्याय मिल सके। आज राजधानी में कुकुरमुत्ते की तरह जगह-जगह कोचिंग संस्थान खुले हैं। इनका एकमात्र उद्देश्य छात्रों से पैसे कमाना है। ये लोग नियम-कानून के तहत बच्चों को रहने को सुरक्षित जगह भी नहीं दे पा रहे हैं। चाचा सुनील कुमार ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा इस दुर्घटना के पीछे जो भी अधिकारी जिम्मेदार है उसे भी सजा मिलनी चाहिए। 

इस दुर्घटना के बाद से अब तक कोचिंग संस्थान के किसी भी व्यक्ति ने हमसे संपर्क नहीं किया है और ना ही किसी भी तरह की मदद दी है। घरवालों को हादसे के बारे में जानकारी भी न्यूज चैनल के जरिए पता चली थी। हम लोगों ने अपने बल पर ही ऐंबूलेस का बंदोबस्त किया और तब जाकर शव को अपने घर ला सके। तान्या के साथ पढ़ने वाले उनके एक साथी रिषभ ने बताया कि तलघर में लाइब्रेरी चलाने की अनुमती नहीं थी। कोचिंग सेंटर वालों के पास इस खाली जगह को केवल भंडारण के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमती थी। रिषभ ने बताया कि बारिश का पानी लगातार तलघर में घुस रहा था। 6-7 बजे तक लगातार ऐसा होता रहा, लेकिन कोचिंग के प्रबंधन से जुड़े लोगों ने कोई उपाय नहीं किया। रिषभ ने रोते हुए कहा कि 2.5 लाख और 5 लाख रुपये क्या ये लोग हमें मारने के लिए ले रहे हैं। 

 

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