बिहार: AC, गिजर और फ्रिज इस्तेमाल करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को चौंका सकती है यह खबर
एलईडी के बढ़ते इस्तेमाल से बिजली के बल्ब का वॉट घट गया है लेकिन बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। बिजली कंपनी के प्रोजेक्शन के अनुसार अगले पांच साल में भागलपुर के सबौर ग्रिड की जरूरत 110 मेगावाट हो...
एलईडी के बढ़ते इस्तेमाल से बिजली के बल्ब का वॉट घट गया है लेकिन बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। बिजली कंपनी के प्रोजेक्शन के अनुसार अगले पांच साल में भागलपुर के सबौर ग्रिड की जरूरत 110 मेगावाट हो जाएगी। अभी फुल लोड में बिजली की जरूरत 80 मेगावाट है। लिहाजा 30 मेगावाट की बढ़ोतरी होगी। पिछले दस साल में शहर में बिजली की खपत लगभग दोगुनी हो गई है। बिजली कंपनी के वरीय अधिकारियों की मानें तो एसी, गिजर, फ्रिज, टीवी आदि साधन लोगों के घरों में बढ़ रहे हैं।
सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की संख्या बढ़ रही है तो नए इलाकों में विद्युतीकरण में बढ़ोतरी हुई है। शहरी क्षेत्र के आसपास आबादी भी तेजी से बढ़ रही है। शहर में कमर्शियल बिल्डिंग की संख्या बढ़ रही है। कई मैन्युअल चीजें अब ऐसी हो गई हैं जो बिजली से ही संचालित होने लगी है। इसलिए लोड बढ़ रहा है। भागलपुर में कुछ उद्योग प्रस्तावित हैं तो सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, पजल पार्किंग, वाटर पार्क, कंट्रोल एंड कमांड सेन्टर सहित कुछ संसाधन बढ़ेंगे। इसमें भी बिजली की खपत बढ़ेगी। अधिकारियों का मानना है कि इन संसाधनों के लग जाने के बाद 10 से 15 मेगावाट बिजली लोड की बढ़ोतरी हो जाएगी।
आंकड़ों में बिजली की जरूरत
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2011 में बिजली की जरूरत 50 मेगावाट
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2011 में बिजली की आपूर्ति 30 मेगावाट
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2018 में बिजली की जरूरत 80 मेगावाट
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2025 तक बिजली की जरूरत 110 मेगावाट
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(नोट: इसमें नवगछिया, सुल्तानगंज एवं कहलगांव सबस्टेशन का डिमांड शामिल नहीं है।)
संसाधन भी दुरुस्त कराये जा रह हैं
बिजली की खपत बढ़ने पर संसाधनों को भी दुरुस्त करने का प्रस्ताव है। इसके लिए शहरी क्षेत्र में छह अतिरक्ति सबस्टेशन बनेंगे। बकायदा भागलपुर इलेक्ट्रिक सर्किल से प्रोजेक्ट विंग से इस प्रस्ताव पर काम हो रहा है। इस प्रस्ताव में 6 सबस्टेशनों में कुल 17 पावर ट्रांसफार्मर लगाने की योजना है। प्रस्ताव में 11 हजार वोल्ट लाइन में कई नए फीडर भी बनेंगे। अभी डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर 1096 के अलावा 1028 अतिरक्ति ट्रांसफार्मर की जरूरत बतायी गई है। प्रस्ताव में कुल लागत 387 करोड़ आंकी गई है और शहर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यह जरूरी बताया गया है।
इन जगहों पर नए सबस्टेशन बनेंगे
इंजीनियरिंग कालेज, नौलखा कोठी कैंपस, टीएनबी कालेजिएट, सीटीएस कैंपस, नाथनगर में सीटीएस और भागलपुर-गोराडीह के बीच लोदीपुर में। भीखनपुर में एक पावर सबस्टेशन बन गया है।
भागलपुर अधीक्षण अभियंता श्रीराम सिंह का कहना है कि अगले पांच साल में भागलपुर में बिजली का लोड लगभग 100 से 110 मेगावाट हो जाने की संभावना है। इस अनुरूप वितरण व्यवस्था भी बढ़ायी जाएगी। इसके लिए कुछ नए पावर सबस्टेशन बनाने का प्रस्ताव है जो आईपीडीएस प्रोजेक्ट के तहत बनाये जा रहे हैं।