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IGIMS पहुंचे मुजफ्फरपुर के पांच और मरीज, तीन का हुआ ऑपरेशन, डॉक्टर बोले- रोशनी बचने की संभावना कम

आईजीआईएमएस में शनिवार को मुजफ्फरपुर से पांच और पीड़ित पहुंचे। इनमें से दो स्वयं आए और तीन को वहां के प्रशासन द्वारा इलाज के लिए भेजा गया। आईजीआईएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के निदेशक डॉ. विभूति...

IGIMS पहुंचे मुजफ्फरपुर के पांच और मरीज, तीन का हुआ ऑपरेशन, डॉक्टर बोले- रोशनी बचने की संभावना कम
वरीय संवाददाता,पटनाSun, 05 Dec 2021 08:56 AM

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आईजीआईएमएस में शनिवार को मुजफ्फरपुर से पांच और पीड़ित पहुंचे। इनमें से दो स्वयं आए और तीन को वहां के प्रशासन द्वारा इलाज के लिए भेजा गया। आईजीआईएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के निदेशक डॉ. विभूति प्रसून सिन्हा ने बताया कि पांचों की आंख पूरी तरह खराब हो चुकी है। अब तक कुल 14 लोग आंख की खराबी से शिकार होकर आईजीआईएमएस पहुंचे हैं। मात्र तीन का ही ऑपरेशन अब तक हो पाया है। बाकी नौ लोगों को उच्च क्वालिटी की एंटीबायोटिक दवाइयों की डोज दी जा रही है। उनकी आंखों में संक्रमण का स्तर काफी अधिक है। एक्शन कम होने के बाद अगर कुछ संभावना दिखेगी तो उनकी आंखों का ऑपरेशन किया जा सकेगा। 

इस्तेमाल दवाइयों की खराबी के कारण संक्रमण

डॉ. विभूति प्रसून सिन्हा ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान प्रयुक्त होने वाली रसायन में कुछ खराबी के कारण ही आंखों में इतना ज्यादा संक्रमण हुआ है। सभी 14 मरीजों की आंखों की जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने यह निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने बताया कि सॉल्यूशन अथवा प्रयुक्त दवाइयों में से कोई एक चीज जो आंखों के सीधे संपर्क में था। उसकी खराब गुणवत्ता के कारण ही ऐसा संक्रमण हो सकता है।

पहले दिन ऑपरेशन वाले ज्यादा प्रभावित 

यह सभी घटना पहले दिन ऑपरेशन कराए मरीजों के साथ ही हुई है। दूसरे दिन भी कई लोगों का ऑपरेशन हुआ, लेकिन दूसरे दिन ऑपरेशन कराये लोगों में ऐसी शिकायत नहीं मिली है। 

तीन मरीजों का ऑपरेशन सफल

शुक्रवार को डाक्टरों की टीम ने वैशाली जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र निवासी जगदीश राम, मुजफ्फरपुर के मुसहरी थाना क्षेत्र मोमिनपुर निवासी मो. जुमराती एवं अलौली थाना क्षेत्र हरीपुर निष्ठा निवासी भागमती देवी को आपरेशन कर आंख बचाने के लिए कार्निया प्रत्यारोपण एवं विट्रो रेटिनल सर्जरी की। 

डॉ. विभूति प्रसन्न ने बताया कि आपरेशन सफल रहा। एक मरीज का ऑपरेशन हैदराबाद से आए कॉर्निया से किया गया। यह कॉर्निया एक दिसंबर को हैदराबाद से आया था। इसे पूर्व की प्रतीक्षा सूची में शामिल मरीज में प्रत्यारोपण किया जाना था, लेकिन इमरजेंसी में इसे मुजफ्फरपुर कांड के मरीज में लगाया गया।

रोशनी बचने की संभावना कम

मरीजों के इलाज का नेतृत्व कर रहे डॉ. विभूति प्रसन्न व डॉ. नीलेश मोहन ने बताया कि पहली बार इतनी संख्या में गंभीर इंफेक्शन वाले मरीज पहुंचे हैं। इन मरीजों में रोशनी के लौटने की संभावना बेहद कम है। अब इनकी आंखें सलामत बनी रहे, इसके लिए हाई एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जा रही हैं। 13 मरीजों का एक वार्ड फुल हो गया है। अब आरआईओ के मेन वार्ड में एक मरीज को भर्ती किया गया है। इन मरीजों में अब संक्रमण नहीं फैल रहा है। सघन निगरानी रखी जा रही है। रेटिना विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक आनंद, डॉ. शिवांगी, डॉ. ज्ञान भाष्कर, डॉ. राखी कुसुमेश आदि की टीम लगातार मरीजों की निगरानी कर रही है।

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