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हिंदी न्यूज़ बिहारVande Bharat Train: पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन कैसे मारेगी फर्राटा? राह में एक नहीं 38 रोड़े

Vande Bharat Train: पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन कैसे मारेगी फर्राटा? राह में एक नहीं 38 रोड़े

Vande Bharat Express Train: पटना और रांची के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अगले महीने से शुरू की जा सकती है। मगर ट्रेन के रूट में अभी एक नहीं बल्कि कई अवरोध हैं, जो चिंता का विषय बने हुए हैं।

Vande Bharat Train: पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन कैसे मारेगी फर्राटा? राह में एक नहीं 38 रोड़े
Jayesh Jetawatचंदन द्विवेदी, हिन्दुस्तान,पटनाFri, 26 May 2023 12:29 PM
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Vande Bharat Express Train: पटना से रांची के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की राह में एक नहीं बल्कि 38 रोड़े हैं। ये रोड़े अवैध रेलवे क्रॉसिंग के रूप में सामने आए हैं। पटना से गया के बीच 92 किलोमीटर के रूट में जगह-जगह रेलवे ट्रैक से होकर रास्ता बना लिया गया है। इससे हर पल हादसे की आशंका बनी रहती है। इस रूट पर अप लाइन में जहां 21 अवैध रेलवे कॉरासिंग हैं, वहीं डाउन लाइन पर इनकी संख्या 17 है। यानी एक ट्रेन को पटना से गया का केवल एक फेरा लगाने में 38 बार घोषित खतरे से होकर गुजरना पड़ता है। पटना-रांची वंदे भारत ट्रेन अगले महीने शुरू की जा सकती है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर इन अवैध रेलवे क्रॉसिंग का समाधान नहीं किया गया तो देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन फर्राटा कैसे मार पाएगी। 
 
अवैध क्रॉसिंग से लोगों का पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और अन्य छोटे वाहनों का धड़ल्ले से आना-जाना होता है। कई बार इस रूट पर चल रही ट्रेनों से इन क्रॉसिंग के पास हादसे भी हो चुके हैं। हाल ही में पूर्व मध्य रेलवे के जीएम अनुपम शर्मा ने पटना से गया के बीच रेलवे ट्रैक का निरीक्षण कर संरक्षा पहलुओं और अन्य तकनीकी पक्षों की जांच की।

रेलवे सूत्रों की मानें तो वंदे भारत ट्रेन चलाने की जोर शोर से चल रही तैयारियों के बीच अवैध रेल क्रॉसिंग को संरक्षा के लिये एक बड़ा खतरा माना जा रहा है। जोनल रेलवे और दानापुर रेल मंडल द्वारा इन अवैध कॉरासिंग को कम करने की तैयारी की जा रही है ताकि बिहार और झारखंड की राजधानियों को जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन की इस बड़ी बाधा को जल्द दूर किया जा सके। 

110 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार पर ग्रहण
पटना-गया रेलखंड पर पटरियों की फिटनेस के आधार पर ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 110 किमी प्रतिघंटे निर्धारित हैं, लेकिन पटना-रांची जनशताब्दी एवं अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों को इस रेलखंड पर गुजरने से पहले इन पायलटों और गार्ड को एक कागजी निर्देश जारी किया जाता है। इन निर्देशों में ऐसे रेल फाटकों के पास गति नियंत्रित कर कहीं 30 से 40 तो कहीं 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की अधिकतम गति का निर्देश होता है। वंदे भारत जैसी ट्रेनों की क्षमता के अनुसार पटना से रांची की दूरी लगभग पांच घंटे में तय करने का अनुमान किया जा रहा है लेकिन इन्हीं रेल फाटकों के कारण उत्पन्न अवरोध से अभी छह घंटे में यह दूरी तय करने की तैयारी की गई है। 

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पिछले दिनों वंदे भारत एक्सप्रेस के परिचालन से पहले इस ट्रेन में तैनात किए जाने वाले ट्रेन मैनेजर यानी गार्ड को रोड लर्निंग और टेक्निकल लर्निंग के लिए जोनल रेलवे की ओर से पत्र जारी कर धनबाद रेल मंडल और दानापुर रेल मंडल के अधिकारियों को तैयारियों को निर्देश दिया गया। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार का कहना है कि रेलवे की ओर से जागरूकता अभियान और आरपीएफ की सक्रियता बढ़ाकर इन अवैध क्रासिंग को कम करने की तैयारी है ताकि ट्रेनें क्षमतानुसार पटरियों पर संरक्षा मानकों के साथ दौड़ सकें।
 

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