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Hindi News बिहारकितना सेफ है आपके घर का पानी? सरकारी लैब में करा लें जांच, हर माह 21 हजार नमूनों की मुफ्त टेस्ट

कितना सेफ है आपके घर का पानी? सरकारी लैब में करा लें जांच, हर माह 21 हजार नमूनों की मुफ्त टेस्ट

सभी जिलों के लिए अलग-अलग लक्ष्य तय किया गया है। वर्तमान में राज्य में 38 जिला स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला, 75 अनुमंडल स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला हैं। बक्सर और मुजफ्फपुर में जिला और अनुमंडल स्तरीय लैब है।

कितना सेफ है आपके घर का पानी? सरकारी लैब में करा लें जांच, हर माह 21 हजार नमूनों की मुफ्त टेस्ट
Sudhir Kumarहिन्दुस्तान ब्यूरो,पटनाMon, 29 Jul 2024 06:10 AM
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आप जो पानी पी रहे हैं, उसकी गुणवत्ता जानने के लिए बिहार सरकार हर माह करीब 21 हजार नमूनों की निशुल्क जांच करेगी। इसके लिए जिले और अनुमंडलों में स्थापित लैब को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। पानी की जांच पर होने वाले खर्च की स्वीकृति लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग(पीएचईडी) ने दी दी है। लोग चापाकल, कुआं, बोरिंग, नल आदि के पानी की जांच निशुल्क करा सकते हैं। नीतीश सरकार ने इसकी व्यवस्था सभी जिलों में किया है।

बिहार के सभी जिलों के लिए अलग-अलग लक्ष्य तय किया गया है। वर्तमान में राज्य में 38 जिला स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला, 75 अनुमंडल स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला हैं। बक्सर और मुजफ्फपुर में जिला और अनुमंडल स्तरीय प्रयोगशाला एक-एक है। नालंदा में एक जिला स्तरीय और तीन अनुमंडल प्रयोगशाला है। राज्य के अन्य जिलों में एक जिला स्तरीय और दो अनुमंडल स्तरीय यानी तीन-तीन प्रयोगशाला हैं। जिला स्तरीय जांच प्रयोगशाला में हरेक माह 300 और अनुमंडल स्तरीय प्रयोगशाला में 125 सैंपल की जांच की जाएगी। इस तरह ज्यादातर जिलों में हरेक माह 550 सैंपल की जांच होनी है। नालंदा में 675, मुजफ्फरपुर-बक्सर में 425-425 सैंपल की जांच का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य तीन साल के लिए है। हरेक साल पानी की जांच पर 62 लाख 32 हजार 500 रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार ने अगले तीन वर्ष के लिए एक करोड़ 86 लाख 97 हजार 500 रुपये खर्च की स्वीकृति दे दी है। राज्य में मानसून बाद पानी जांच कराने वालों की संख्या बढ़ जाती है।

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कई तरह की जांच 

पानी में रंग-गंध, पीएच, क्लोरीन, क्षारीयता, खारापन, क्लोराइड, फ्लोराइड, आयरन, सल्फेट, नाइट्रेट, आर्सेनिक, पूर्ण कोलिफार्म बैक्टीरिया, ई कोली या थारमो टोलोरेंट कोलिफार्म बैक्टीरिया की जांच होती है।

ऐसे लें नमूने

प्रयोगशाला में पानी के सैंपल की कई स्तरों पर जांच की जाती है। प्रत्येक लेवल की जांच में 50 मिली ग्राम पानी की जरूरत पड़ती है। इसलिए साफ बोतल में सैंपल जमा करने से पहले नल या हैंडपंप को कम से कम 10 मिनट चलाकर नल से पानी गिरने दें। उसके बाद बोतल में पानी भरें।

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नल जल के पानी की भी जांच

विभाग की ओर से कहा गया है कि मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाया जा रहा है। पंचायती राज विभाग की ओर से भी योजनाएं हस्तांतरित की जा चुकी हैं। इन योजनाओं के जलस्त्रत्तेत की जांच भी जरूरी है। जांच की जिम्मेवारी कनीय अभियंता को दी गई है। कनीय अभियंता पंप ऑपरेटर की मदद से नमूना संग्रह करेंगे।