राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद अब नियोजित शिक्षकों को कितनी मिलेगी सैलरी? जानिए
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से बहाल होने वाले शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों को भी सुविधाएं और वेतनमान दिया जाएगा। राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद अब नियोजित शिक्षक अब विशिष्ठ शिक्षक कहलाएंगे।
बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गई। अब बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से बहाल होने वाले शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों को भी सुविधाएं और वेतनमान दिया जाएगा। नियोजित शिक्षक अब विशिष्ठ शिक्षक कहलाएंगे। बता दें कि राज्य सरकार चयनित एजेंसी के माध्यम से नियोजित शिक्षकों का सक्षमता परीक्षा लेगी। परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर दिये जाएंगे। तीसरे प्रयास में भी असफल रहे शिक्षकों को सेवा से हटा दिया जाएगा।
विशिष्ट शिक्षक का मूल वेतन कितना
एक से पांच के विशिष्ट शिक्षक (मध्य विद्यालय के शारीरिक शिक्षक सहित) : 25 हजार।
छह से आठ के विशिष्ट शिक्षक : 28 हजार।
नौ व दस के विशिष्ट शिक्षक (मध्यमिक के शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष सहित) : 31 हजार।
11 से 12 तक के विशिष्ट शिक्षक : 32 हजार।
विशिष्ट शिक्षकों का जिला के बाहर भी स्थानांतरण होगा
विशिष्ट शिक्षकों के पद स्थानांतरणीय किया गया है। इन शिक्षकों को सामान्य रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात अथवा जनहित में प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए जिला के अंतर्गत स्थानांतरित किया जाएगा। विशिष्ट शिक्षकों के अनुरोध पर निदेशक प्राथमिक या निदेशक माध्यमिक जैसा भी मामला हो, द्वारा जिला के बाहर स्थानांतरित किया जा सकेगा। हालांकि, एक विशिष्ट शिक्षक सेवाकाल में केवल दो बार इस तरह के विकल्प का प्रयोग कर सकेगा। इस सुविधा का अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है। प्रशासनिक विभाग अत्यावश्यकताओं के आधार पर इस तरह के अनुरोध को अस्वीकार कर सकता है। इस तरह के स्थानांतरण के मामले में संबधित शिक्षक को सुसंगत नियुक्ति वर्ष की पदक्रम (ग्रेडेशन) सूची के नीचे रखा जाएगा। प्रशासनिक आधार या शिक्षका का अधिकार अधिनियम के तहत निदेशक द्वारा सार्वजिनक हित में विशिष्ट शिक्षक को जिला के बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है। ऐसे मामले में संबंधित शिक्षक की वरीयता नियम सात के अनुसार फिर से तैयार की जाएगी।
