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बिहार म्यूजियम के गेट पर हाई वोल्टेज ड्रामा, डायरेक्टर को नहीं मिली एंट्री-Video

बिहार म्यूजियम का विवाद गहरा गया है। शुक्रवार की दोपहर म्यूजियम के सामने हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। म्यूजियम के निदेशक मो. यूसुफ को सिक्यूरिटी गार्ड ने म्यूजियम में घुसने से रोक दिया। निदेशक बार-बार गेट...

बिहार म्यूजियम के गेट पर हाई वोल्टेज ड्रामा, डायरेक्टर को नहीं मिली एंट्री-Video
पटना हिन्दुस्तान टीमFri, 01 Nov 2019 11:15 PM
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बिहार म्यूजियम का विवाद गहरा गया है। शुक्रवार की दोपहर म्यूजियम के सामने हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। म्यूजियम के निदेशक मो. यूसुफ को सिक्यूरिटी गार्ड ने म्यूजियम में घुसने से रोक दिया। निदेशक बार-बार गेट खोलने के लिए कहते रहे, लेकिन गार्ड ने मना कर दिया। गार्ड का कहना था कि ऊपर से आदेश है कि निदेशक को म्यूजियम में न घुसने दिया जाए। 

बिहार म्यूजियम में टिकट घोटाला (करीब पांच करोड़) सहित अन्य घोटाले से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लंबी छुट्टी से लौट कर म्यूजियम पहुंचे निदेशक को गार्ड ने लौटा दिया। निदेशक बार-बार कहते रहे कि मैं यहां का निदेशक हूं, लेकिन गार्ड ने हाथ जोड़ लिया। इसी दौरान निदेशक देर तक अपनी गाड़ी में बैठे रहे। आखिरकार उन्होंने मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह को फोन किया। फिर कहा कि अंजनी जी अपने घर बुला रहे हैं, अब उनके घर जा रहा हूं। 

संग्रहाध्यक्ष को निदेशक ने किया था बर्खास्त
गौरतलब है कि संग्रहाध्यक्ष संग्रह मौमिता घोष-को निदेशक मो. यूसुफ ने 13 अक्टूबर को सेवा से बर्खास्त कर दिया था और खुद लंबी छुट्टी पर चले गए। इस बीच मौमिता घोष की बर्खास्तगी को दो दिन के भीतर ही कला संस्कृति विभाग ने निरस्त कर दिया और कहा कि निदेशक ने विभागीय प्रक्रिया का पालन नहीं किया और जब छुट्टी पर निदेशक लौटे तो उन्हें गेट के भीतर घुसने ही नहीं दिया गया।

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बिहार म्यूजियम का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। करीब पांच करोड़ के घोटाले की बात सामने आ रही है। घोटाले के विरुद्ध कोतवाली थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। एफआईआर दो सितंबर को ही दर्ज कराई गई थी, लेकिन अभी तक यह बात दबी हुई थी। सोमवार को म्यूजियम की अंदरुनी लड़ाई और घोटाले की कहानी तब सतह पर आ गई, जब म्यूजियम के निदेशक मो. युसूफ लंबी छुट्टी पर चले गए। इधर यह भी चर्चा जोरो पर है कि निदेशक ने इस्तीफा दे दिया है, हालांकि इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है।

पांच कर्मचारियों पर लगाया था आरोप
इंटरनेशनल म्यूजियम के रूप में चर्चित बिहार म्यूजियम के टिकट घोटाले को आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने सबसे पहले उजागर किया था। निदेशक मो. युसूफ ने एक साथ म्यूजियम के पांच कर्मियों (जयप्रकाश नारायण सिंह- पूर्व अपर निदेशक, मौमिता घोष-संग्रहाध्यक्ष संग्रह, रणवीर सिंह राजपूत-संग्रहाध्यक्ष इतिहास, सुमित कुमार-पूर्व आईटी मैनेजर, योगेंद्र प्रसाद पाल- पूर्व लेखापाल) के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर करा दी थी। निदेशक ने इन सभी पर गबन का आरोप लगाया और धारा 408, 420 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई। 

मैं बिहार म्यूजियम का निदेशक हूं, लेकिन मुझे म्यूजियम में घुसने से रोक दिया गया, जबकि मैंने इस्तीफा नहीं दिया है। मैं छुट्टी पर गया था और जब लौटा तो गार्ड ने कहा कि ऊपर से आदेश है। छुट्टी की बात तो सिर्फ कहने के लिए है। मेरे योगदान को रोकने के लिए ये लोग कार्यालय बंद कर दिए। इतने दिन से मरम्मत नहीं हो रही थी और मेरे योगदान के दिन ही मरम्मत के लिए छुट्टी देनी पड़ी? 
-मो.यूसुफ, निदेशक, बिहार म्यूजियम

उन्हें म्यूजियम में जाने से कोई कैसे रोक सकता है। वे कैफेटेरिया में आए और नाश्ता करें स्वागत है। उन्हें तो पहले ही सूचना दे दी गई थी कि आपको विकास आयुक्त के पास जाकर योगदान करना है, लेकिन वे म्यूजियम आ गए। म्यूजियम में तो मरम्मत चल रहा है, इसलिए छुट्टी है। कार्यालय बंद है। म्यूजियम की गैलरी में आकर वे घूम ही सकते हैं। उसमें जाने से कोई कैसे रोकेगा। 
-दीपक आनंद, अपर सचिव सह प्रभारी निदेशक, बिहार म्यूजियम  

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