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महागठबंधन के घटक दलों की बैठक में मांझी-उपेंद्र कांग्रेस से बोले हमारी नहीं सुनता राजद

महागठबंधन के घटक दलों की बुधवार शाम हुई बैठक में राजद पर सहयोगी दलों की उपेक्षा के आरोप लगे। कहा गया कि राजद किसी की नहीं सुनता। महागठबंधन में अपनी ढपली, अपना राह वाली स्थिति हो रही है। चुनाव सिर पर...

महागठबंधन के घटक दलों की बैठक में मांझी-उपेंद्र कांग्रेस से बोले हमारी नहीं सुनता राजद
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरोThu, 25 Jun 2020 05:01 AM
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महागठबंधन के घटक दलों की बुधवार शाम हुई बैठक में राजद पर सहयोगी दलों की उपेक्षा के आरोप लगे। कहा गया कि राजद किसी की नहीं सुनता। महागठबंधन में अपनी ढपली, अपना राह वाली स्थिति हो रही है। चुनाव सिर पर हैं। ऐसे ही हालात रहे तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। एकजुटता सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग में ही नहीं, सड़क पर भी दिखनी चाहिए। ताकि एनडीए गठबंधन को घेरा जा सके। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तो बैठक में नहीं थी मगर कांग्रेस सहित सभी दलों के नेता बैठक में शामिल रहे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई इस बैठक में कांग्रेस की ओर से पार्टी कोषाध्यक्ष अहमद पटेल, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और बिहार-दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल शामिल हुए। रालोसपा से उपेंद्र कुशवाह, हम से जीतनराम मांझी, वीआईपी से मुकेश सहनी तो शरद यादव की ओर से उनके प्रतिनिधि अर्जुन राय और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा बैठक में जुड़े। 

सहयोगियों ने कांग्रेस से राजद के रुख को लेकर कड़ा एतराज दर्ज कराया। कहा कि उनके रुख को देखकर लगता ही नहीं कि हम लोग सहयोगी हैं। कहा कि सत्ताधारियों के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता नहीं दिखती। धरना-प्रदर्शन भी राजद अकेले करता है। सहयोगियों को नहीं बुलाया जाता। यहां तक कहा गया कि राजद नेता तो ऐसा भी बयान देते हैं कि तेजस्वी यादव को नेता न मानने वाले अपने अलग रास्ते चुन लें।

इस पर राजद की ओर से कहा गया कि ऐसा कोई बयान तेजस्वी यादव ने नहीं दिया है। समन्वय समिति के गठन का भी मुद्दा उठा। इस पर राजद नेता बोले पार्टी ने कभी इसका विरोध नहीं किया। लॉक डाउन के चलते कुछ दुश्वारियां अवश्य बढ़ीं। राजद के मनोज झा ने कहा कि वे सारी बातों से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराएंगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सहयोगियों के बीच संवादहीनता नहीं रहनी चाहिए। इसे लेकर पार्टी राजद नेतृत्व से भी बात करेगी। कहा गया कि विपक्ष एकजुट दिखना चाहिए। सभी दलों को आपसी मतभेद भुलाकर आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही गई।

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