बिहार के डीजीपी पद से VRS लेने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया क्या है उनका फ्यूचर प्लान?
बिहार के डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि उन्होंने अभी तक वो किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े हैं। राजनीतिक पार्टी ज्वाइंन करने को लेकर उन्होने...
बिहार के डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि उन्होंने अभी तक वो किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े हैं। राजनीतिक पार्टी ज्वाइंन करने को लेकर उन्होने कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अगर सामाजिक कार्य करने की बात है तो वो बिना राजनीति में आए भी कर सकते हैं।
पीसी में आगे गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार में जंगल राज की याद दिलाई और कहा कि पिछले 15 साल में बहुत कुछ बदला है और आज यहां रामराज्य वाली स्थिति है। गुप्तेश्वर पांडेय आज शाम को सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव संवाद करने वाले हैं, जिसमें उन्होंने कई बड़े खुलासे करने की बात कही है।
I have not joined any political party as of now and I have not taken any decision on it yet. As far as social work is concerned, I can do it without entering politics too: Gupteshwar Pandey
— ANI (@ANI) September 23, 2020
He recently took VRS from his services in Bihar Police as Director General of Police(DGP) pic.twitter.com/z23isehv12
मेरे वीआरएस का सुशांत मामले से कोई लेना-देना नहीं
गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि कई लोग मुझे ट्रोल कर रहे हैं। सुशांत मामले से जोड़कर लोग देख रहे हैं। मेरे वीआरएस से सुशांत मामले का कोई लेना देना नहीं है। मैंने सुशांत के निराश और हताश पिता की मदद की लेकिन मेरी सीबीआई की अनुशंसा पर भी सवाल उठे, जो सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहरा दिया। हमने हंगामा तब किया जब हमारी पुलिस के साथ गलत हुआ। मैंने सुशांत के इंसाफ के लिये लड़ाई लड़ी। लोग कह रहे हैं कि मैने सुशांत के मामले को उठाया, उसे लोग राजनीति से जोड़ रहे हैं जो गलत है।
1987 बैच के आईपीएस अफसर
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं। संयुक्त बिहार में कई जिलों के एसपी और रेंज डीआईजी के अलावा वे मुजफ्फरपुर के जोनल आईजी भी रहे हैं। एडीजी मुख्यालय और डीजी बीएमपी का भी उन्होंने पद संभाला था। केएस द्विवेदी के सेवानिवृत होने के बाद फरवरी, 2019 में बिहार के डीजीपी नियुक्त किए गए थे।
गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 22 सितंबर, 2020 के अपराह्न से उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है। उन्होंने मंगलवार को ही इसके लिए आवेदन दिया था। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए कम से कम तीन महीने पूर्व आवेदन किए जाने के नियम को शिथिल करते हुए राज्य सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया।
2009 में भी छोड़ी थी नौकरी
आईजी रहते गुप्तेश्वर पांडेय ने साल 2009 में वीआरएस ले लिया था। तब उनके बक्सर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। हालांकि बाद में वे किसी भी दल से चुनावी मैदान में नहीं उतरे और वीआरएस को भी वापस ले लिया था।
एसके सिंघल रहे हैं एडीजी मुख्यालय
गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने के बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और डीजी होमगार्ड एसके सिंघल को डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। डीजी में प्रोन्नत होने से पहले एसके सिंघल एडीजी मुख्यालय के पद पर लम्बे समय तक तैनात थे।