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अच्छी खबर! बिहार के सीमांचल में 1324 करोड़ से बनेगी नरेनपुर-पूर्णिया फोरलेन सड़क

बिहार के सीमांचल में 1324.63 करोड़ की लागत से प्रस्तावित पूर्णिया-नरेनपुर चार लेन सड़क का निर्माण होगा। इसके लिए जारी निविदा को तीन माह के भीतर निष्पादित करने का निर्देश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग...

अच्छी खबर! बिहार के सीमांचल में 1324 करोड़ से बनेगी नरेनपुर-पूर्णिया फोरलेन सड़क
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरोSun, 30 Aug 2020 10:28 AM
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बिहार के सीमांचल में 1324.63 करोड़ की लागत से प्रस्तावित पूर्णिया-नरेनपुर चार लेन सड़क का निर्माण होगा। इसके लिए जारी निविदा को तीन माह के भीतर निष्पादित करने का निर्देश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दिया गया है। दो साल में इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। 

पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा है कि 47.04 किमी लम्बाई वाले पूर्णिया-नरेनपुर सड़क में 43.57 किमी को 4 लेन में करना है जबकि शेष 2.03 किमी में 2 लेन के साथ पेभ्ड सोल्डर में विकसित किया जाना है। इस परियोजना में 14.80 किमी लम्बे कटिहार बाइपास रोड सहित तीन आर.ओ.बी., 20 बसवे और 2 ट्रक लम्बाई एवं 5 स्थानों पर ज्यामितीय सुधार के लिए 5 पुनर्मार्गरेखन का प्रावधान किया गया है। प्रस्तावित योजना के लिए भू-अर्जन का कार्य पूरा कर लिया गया है और पथ निर्माण के लिए बाधारहित कार्यक्षेत्र उपलब्ध है। निर्माण के बाद 5 वर्षों तक पथ संधारण का कार्य निर्माण के लिए चयनित कम्पनी द्वारा ही किया जायेगा।

मंत्री ने कहा कि सड़क के लिए पांच एजेंसियां- दिलीप बिल्डकान कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, अदानी ग्रुप, डीआरए कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और आईआरबी इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड सामने आई हैं। प्राप्त निविदाओं का तकनीकी मूल्यांकन करने के बाद टेक्निकली सक्षम निविदाकारों की वित्तीय निविदा खोलकर न्यूनतम दरदाता को कार्य आवंटित किया जाएगा। इसके बाद काम शुरू हो जाएगा। 

होगा फायदा 
यह राज्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में एक है, जो बिहार-झारखण्ड के बीच मनिहारी-साहेबगंज में गंगा नदी पर पुल निर्माण के बाद राज्य के कोसी क्षेत्र को झारखण्ड से सम्पर्क जोड़ेगा। साथ ही, कटिहार जिले में अहमदाबाद के पास महानन्दा पर निर्मित पुल से होकर मालदा ( बंगाल) के साथ सुलभ संपर्क उपलब्ध हो सकेगा। सबसे महत्व की बात तो यह है कि इस पथ के निर्माण से सीमांचल के विकास को एक नया आयाम मिलेगा और आधारभूत संरचना का विकास होगा।
 

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