जॉर्ज फर्नांडीस ने मजदूरों-किसानों में एकता स्थापित की
जॉर्ज फर्नांडीस ने देश में पहली बार मजदूरों के संबंध में ब्रिटिश काल से चला आ रहा नजरिया बदल दिया। वर्ष 74 का रेलवे आंदोलन देशव्यापी सफल रहा। उन्होंने मजदूरों-किसानों में एकता स्थापित की। हिंद मजदूर...
जॉर्ज फर्नांडीस ने देश में पहली बार मजदूरों के संबंध में ब्रिटिश काल से चला आ रहा नजरिया बदल दिया। वर्ष 74 का रेलवे आंदोलन देशव्यापी सफल रहा। उन्होंने मजदूरों-किसानों में एकता स्थापित की। हिंद मजदूर सभा बनायी फिर उसे ट्रेड यूनियन का रूप देकर हिंद मजदूर किसान पंचायत बनायी। उनकी मजदूर यूनियनों ने मुंबई समेत देश के विभिन्न हिस्सों खासकर बिहार में अपनी पहचान बनायी। अखंड बिहार (झारखंड समेत) में कई श्रमिक आंदोलनों के अगुआ रहे। रेलवे के आलावा बिहार की 15 चीनी मिलें, डालमियानगर उद्योग नगरी, बीपीसीएल, लेदर कॉरपोरेशन आदि औद्योगिक इकाइयों में जॉर्ज साहब की यूनियनें काफी सक्रिय रहती थीं। मजदूरों के हक में कई फैसले उन्होंने कराए। कई श्रमिक व समाजवादी नेता उनकी ही उपज थे।
- आरएन ठाकुर, वरिष्ठ श्रमिक नेता
जॉर्ज साहब इमरजेंसी में कांग्रेस का प्रबल विरोध और पूरे देश में सफलतापूर्वक रेलवे का चक्का जाम आंदोलन से चर्चा में आए। इसके पूर्व वे बंबई में सक्रिय थे। लेकिन वे चर्चा में बिहार में किए कार्यों से आए। उन्होंने रेलवे समेत अन्य सेक्टर के मजदूरों को जागृत करने व उनको संगठित करने में सफलता पायी। हर सेक्टर के मजदूरों को संघर्ष के माध्यम से अधिकार हासिल करने का तरीका बताया। वे हमेशा वाम आंदोलनों से अलग रहे, लेकिन अपने सेक्यूलर नजरिए व समाजवादी कार्यों के कारण हमेशा लोकप्रिय रहे। गरीबों -मजदूरों की हमेशा उनमें आस्था बनी रही।
- अरुण कुमार मिश्र, वाम श्रमिक नेता