मुफ्त में बिजली देना बेमतलब का काम, अरविंद केजरीवाल पर नीतीश कुमार का तंज
दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में मुफ्त बिजली दिए जाने को नीतीश कुमार ने गलत बताया। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में मुफ्त बिजली दी गई है और कुछ में इसकी घोषणा भी की जा रही है। यह उचित नहीं

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुफ्त बिजली को लेकर आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जनता को मुफ्त में बिजली देने का कोई मतलब नहीं है। वैसे भी उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाली बिजली दी जाती है। मुफ्त मिलने से इलेक्ट्रिसिटी का मिसयूज होता है। सीएम नीतीश ने कहा कि जिन राज्यों में मुफ्त बिजली की घोषणा की जा रही है, वो उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में विद्युत विभाग की विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने सभी राज्यों को एक दर पर बिजली मिलने की मांग भी उठाई। सीएम नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार पूरे देश को अगर एक मानती है तो वह सभी राज्यों के लिए बिजली की एक दर तय करे। बिहार को विकसित राज्यों से कई गुना ज्यादा कीमत पर बिजली मिलती है।
दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में मुफ्त बिजली दिए जाने को नीतीश ने गलत बताया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ राज्यों में मुफ्त बिजली दी गई है और कुछ जगहों पर इसकी घोषणा भी की जा रही है। यह उचित नहीं है। मुफ्त में बिजली नहीं देनी चाहिए। चुनावी सभाओं में भी वे यह बात कहते रहते हैं।
विपक्षी एकजुटता में जुटे नीतीश, केजरीवाल से अलग सुर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश की सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं। हालांकि, AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल से उनके मत अलग हैं। केजरीवाल जहां मुफ्त बिजली समेत अन्य फ्रीबीज के हिमायती हैं। वहीं, नीतीश इसके खिलाफ नजर आ रहे हैं। बीजेपी या किसी भी पार्टी को हराने या जिताने का काम जनता करती है।
केजरीवाल की 'एकला चलो रे' रणनीति, नीतीश कुमार की मुहिम को झटका
विपक्षी एकजुटता को लेकर दिल्ली में नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल की सितंबर में मुलाकात भी हुई थी। हालांकि, इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच कुछ खास बात नहीं बन पाई। हाल ही में केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे ऐसे किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे, जिसका मकसद बीजेपी को हराना है। उनका निशाना नीतीश कुमार की विपक्षी एकजुटता की मुहिम पर था।